प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया लद्दाख यात्रा में चीन के संदर्भ में (हालांकि चीन का स्पष्ट रूप से नाम लिए बिना) कहा: ‘विस्तारवाद का युग ख़त्म हो चुका है। सदियों से चले आ रहे विस्तारवाद ने मानवता को सबसे ज़्यादा चोट पहुँचाई है और इसे नष्ट करने की कोशिश की है। जो लोग विस्तारवाद से प्रेरित हैं, वे हमेशा दुनिया के लिए एक ख़तरा साबित हुए हैं। इतिहास इस तथ्य की गवाही देता है। विस्तारवादी ताक़तों को या तो नष्ट कर दिया गया है या उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया गया है। इसी अनुभव के कारण आज दुनिया विस्तारवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ एकजुट हो रही है।’
प्रधानमंत्री मोदी का चीन को विस्तारवादी कहना सही, तारीफ हो!
- विचार
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- जस्टिस मार्कंडेय काटजू
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- 5 Jul, 2020


जस्टिस मार्कंडेय काटजू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में भाषण देते हुए नाम लिए बग़ैर चीन को विस्तारवादी क़रार दिया। क्या सचमुच चीन विस्तारवादी है? जस्टिस मार्केंडेय काटजू का क्या मानना है? पढें उनका यह लेख।
- Justice Markandey Katju
- India China Border Tension
जस्टिस मार्कंडेय काटजू
जस्टिस मार्कंडेय काटजू भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं।