मुख्यधारा के मीडिया यानी अखबारों और टीवी चैनलों में भारतीय जनता पार्टी को देश की सर्वाधिक सुगठित और अनुशासित पार्टी बताया जाता है। प्रचारित यह भी होता है कि पार्टी की सारी नियामक शक्तियां दो व्यक्यिों- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के हाथों में केंद्रित हैं और दोनों नेता कोई भी फैसला लेने में देर नहीं करते हैं। वे जो करते हैं वही पार्टी की रीति है और वे जो कहते हैं वहीं पार्टी नीति होती है। वे पार्टी में जिसे चाहते हैं उसे फर्श से अर्श पर और जिसे चाहते हैं उसे अर्श से फर्श पर ले आते हैं। लेकिन दोनों नेताओं की इस बहुप्रचारित निर्द्वंद्व छवि के बावजूद उन राज्यों में पार्टी आंतरिक कलह और अनिश्चिता के दौर से गुजर रही है, जहां इस वर्ष और अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव होना है।
सर्वशक्तिमान मोदी-शाह की पकड़ ढीली पड़ रही है पार्टी पर?
- विचार
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- 29 Mar, 2025
इस साल कई राज्यों में चुनाव है और उन्हें 2024 की रिहर्सल माना जा रहा है। लेकिन तमाम राज्यों में बीजेपी तमाम तरह के संकटों से जूझ रही है। पार्टी पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की पकड़ ढीली पड़ने की बातें कही जा रही हैं।
