भारत में जनगणना का अभियान हर दस वर्ष में मनाया जाने वाला एक ऐसा राष्ट्रीय उत्सव है, जिसमें देश के हर हिस्से में रहने वाले हर नागरिक की भागीदारी होती है। देश के भविष्य निर्माण में जनगणना के आँकड़ों का बेहद अहम योगदान होता है। इन आँकड़ों के आधार पर ही केंद्र और राज्य सरकारें विकास की योजनाएँ और नीतियाँ बनाती हैं और उन पर अमल करती हैं। इसलिए भारत में हर दस साल पर यानी हर दशक के पहले वर्ष में जनगणना होती रही है, लेकिन 2021 में होने वाली जनगणना का काम कोरोना महामारी के नाम पर अभी तक शुरू नहीं हो सका है।

कोरोना की दूसरी लहर के बाद धीरे-धीरे दूसरी सभी गतिविधियाँ शुरू हो गईं तो फिर जनगणना का काम शुरू क्यों नहीं हो सका है? इसके बिना सरकार अपनी नीतियां और जनकल्याणकारी योजनाएं कैसे बनाएगी?
भारत में जब से जनगणना का सिलसिला शुरू हुआ है तब से अब तक यह पहला मौक़ा है जब निर्धारित समय के बाद भी जनगणना का काम शुरू नहीं हुआ है।