20 मार्च, 1927। आज से क़रीब सौ साल पहले। वह दिन जब बाबा साहब अंबेडकर ने चवदार तालाब का पानी पीकर एक बड़ी प्रतीकात्मक लड़ाई में जीत हासिल की थी। इस लड़ाई का अगला क़दम वहां स्थित वीरेश्वर मन्दिर में दलितों का प्रवेश था या नहीं, यह इतिहास में साफ़ नहीं है लेकिन कोरेगांव में हुए जलसे, महाड नगरपरिषद के फ़ैसले के बाद चवदार तालाब से पानी पीने की घटना के बाद दलित नौजवानों में जैसा उत्साह था, उसमें यह लक्ष्य पाना मुश्किल भी नहीं था।