भारत की स्वतंत्रता विभाजन की आपदा लेकर आई थी। मोहनदास करमचंद गाँधी उन दिनों नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा करते थे और वहां उपस्थित लोगों के सामने अपनी बात रखते थे। उन बातों को रिकॉर्ड कर ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारित किया जाता था। गाँधी जी का यह भाषण क़रीब 15 मिनट का होता था।
गाँधी जयंती: मृत्यु से 16 दिन पहले बापू ने देखा था ऐसे भारत का सपना
- विचार
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- 2 Oct, 2021

महात्मा गाँधी की जयंती पर सत्य हिन्दी की ख़ास पेशकश।
गाँधी ने 12 जनवरी 1948 को उपवास की घोषणा कर दी। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि वह 13 जनवरी से उपवास पर रहेंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने उपवास के दौरान सेवन की जाने वाली चीजों के बारे में भी बता दिया और कहा कि इस दौरान वह नमक, सोडा और खट्टे नींबू के साथ या इन चीजों के बग़ैर पानी पीने की छूट रखेंगे। उन्होंने यह भी घोषित किया कि उपवास सुबह खाने के बाद शुरू होगा। गाँधी अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे थे। उन्होंने सिर्फ़ इतना कहा कि जब उन्हें यकीन हो जाएगा कि सब कौमों के दिल मिल गए हैं और वह भी बाहर के दबाव के कारण नहीं, इसे अपना धर्म समझने के कारण, तभी उपवास टूटेगा।