कभी राष्ट्रपिता गांधी ने देश के माहौल से तंग आकर लंबे समय तक जीने की तमन्ना छोड़ दी थी। अब तो खैर हमारे प्रधानमंत्री को इस दौर का राष्ट्रपिता कहा जा रहा है। बेशक वो किसी का जुमला है लेकिन हम खुद से सवाल करें कि अगर महात्मा गांधी इस समय जिन्दा होते तो अब क्या कहते या क्या करते।
गाँधीजी के जीवन, विचार और आदर्शों को लेकर दुनियाभर में दिलचस्पी लगातार बढ़ती गई है। ईसा मसीह के बाद उनके जीवन और विचारों के बारे में ही सबसे ज़्यादा किताबें लिखी गयी हैं। क्यों?