कुछ इतिहासकार मानते हैं कि नेपोलियन बोनापार्ट वॉटरलू का युद्ध न हारा होता यदि 18 जून, 1815 को उसका पेट खराब न हुआ होता। उसे रात से ही दस्त होने लगे जिससे सेना ने उस दिन देर से कूच किया और दोपहर तक मार्शल ब्लुचर अपनी टुकड़ी के साथ वेलिंग्टन की सेना से मिल कर युद्ध में भारी पड़ गया।