सवाल बार बार मथ रहा है कि यह क्या हो रहा है? क्यों हो रहा है? चारो तरफ़ मौत का मंजर क्यों है? लग रहा है प्रलय की आहट तेज़ हो रही है।असमय जाते प्रियजन। अशुभ सिलसिला टूट ही नहीं रहा है। चौतरफा अवसाद। हताशा। इसके पीछे कौन है? इसका जवाब हमें इस श्लोक में मिला। गीता के अध्याय 11, श्लोक -32 में कृष्ण कह रहे है अर्जुन से कि सम्पूर्ण संसार को नष्ट करने वाला महाकाल मैं ही हूँ।