दिल्ली में कोरोना का संकट सुरसा के बदन की तरह बढ़ता जा रहा है, ऐसे में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने यह फ़ैसला कर लिया कि दिल्ली के अस्पतालों में बाहरवालों का इलाज नहीं होगा तो उसका यह फ़ैसला दिल्लीवालों को तो अच्छा लगा लेकिन दिल्ली में लाखों लोग ऐसे भी रहते हैं और बरसों से रहते हैं, जिनके आधार-कार्ड और पहचान-पत्रों पर उनके गाँवों के पते जड़े हुए हैं। ऐसा होने से उन्हें कभी किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ता।
दिल्ली में काम करते हैं, बीमार यहाँ पड़ेंगे तो इलाज कहाँ कराएँगे!
- विचार
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- 10 Jun, 2020

जो लोग दिल्ली के अलावा नोएडा, गुड़गाँव, गाज़ियाबाद वगैरह में भी रहते हैं और दिल्ली में काम करते हैं और दिल्ली को अपनी कर्मभूमि समझते हैं, उन्हें बीमार पड़ने पर दिल्ली में इलाज नहीं मिलना तो घोर अन्याय है।