सवाल- क्या चल रहा है?जवाब- फॉग चल रहा है।
कंगना के बयान के पीछे आरएसएस का बड़ा खेल!
- विचार
- |
- |
- 12 Nov, 2021

दो दिन पहले ही पद्म श्री अवार्ड से नवाजी गईं कंगना रनौत ने क्यों कहा, '...और उन्होंने एक क़ीमत चुकाई... बिल्कुल वो आज़ादी नहीं थी, वो भीख थी। और जो आज़ादी मिली है वो 2014 में मिली है।'
जुबान पर चढ़ चुके फॉग के इस इरिटेटिंग वन लाइनर में एक बहुत गहरा अर्थ छिपा हुआ है। कोई मुद्दा, सवाल या ट्रेंडिंग टॉपिक अपने आप नहीं चल रहा होता है। किसी ख़ास मक़सद से उसे कोई ना कोई चला रहा होता है। इस समय कंगना रनौत का बयान चल रहा है। आइये 7 बिंदुओं से समझने की कोशिश करते हैं कि इस बयान के पीछे क्या खेल चल रहा है।
1.
आरएसएस का प्रिय प्रोजेक्ट है- राष्ट्रीय आंदोलन के गौरवशाली अतीत को लोक स्मृति से खुरच-खुरच कर मिटाना। आज़ादी की लड़ाई से दूर रहना, अंग्रेजी फौज में भर्तियां करवाना, जासूसी करना और पेंशन उठाना, तमाम ऐसी बातें लोक स्मृतियों में मौजूद हैं, जिनसे पीछा छुड़ाना संघ के बूते की बात नहीं है। संघ का डिफेंस मैकेनिज़्म उसे इस बात के लिए प्रेरित करता है कि अगर राष्ट्रीय आंदोलन में भागीदारी का कोई प्रमाण ना दे सके तो फिर उस गौरवशाली आंदोलन को ही लोक स्मृति से मिटा दे।
राकेश कायस्थ युवा व्यंग्यकार हैं। उनका व्यंग्य संग्रह 'कोस-कोस शब्दकोश' बहुत चर्चित रहा। वह 'प्रजातंत्र के पकौड़े' नाम से एक व्यंग्य उपन्यास भी लिख चुके हैं।