क्या आपको पुराने ज़माने के एंटी-स्मोकिंग पोस्टर याद हैं? धुएं का दृश्य होता था और एक लाइन में लिखा होता था.. सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकार है। वक्त बदला तो पोस्टरों को अंदाज़ बदल गये—कंकाल, खोपड़ी और कैंसर से ग्रसित फेफड़े और विकृत हुए चेहरों की तस्वीरें दिखाई जाने लगीं।
आप रौंदे जा चुके हैं और आपको अंदाज़ा ही नहीं है
- विचार
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- 8 May, 2021

2014 में 'भारत को सिंगापुर बनाने के आइडिया' और 2019 में घर में 'घुसकर मारने के नाम पर' वोट देने वाले जब कभी अपनी मिमियाती आवाज़ में सिस्टम पर सवाल उठाते हैं तो बदले में उन्हें भी माँ-बहन की गालियाँ मिलती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जो भीड़ बनाई गई है, उसकी जेहनी ट्रेनिंग में नफरत के सिवा कोई और दूसरा शब्द नहीं है। अगर उसे छोटी नफ़रत और बड़ी नफ़रत में एक चुनना होगा तो वह बड़ी नफ़रत चुनेगा।
पूरी दुनिया में सिगरेट बनाने वाली कंपनियों को लिए बकायदा नियम हैं कि सिगरेट के पैकेट के बड़े हिस्से पर उन्हें डरावनी तस्वीरें लगानी होंगी।
दफ्तर या घर में लगे पोस्टर 'सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है' का मजमून भी बदल गया। हिंदी -अँग्रेजी समेत दुनिया की तमाम भाषाओं में लिखा जाने लगा 'आपकी स्मोकिंग मेरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।'
राकेश कायस्थ युवा व्यंग्यकार हैं। उनका व्यंग्य संग्रह 'कोस-कोस शब्दकोश' बहुत चर्चित रहा। वह 'प्रजातंत्र के पकौड़े' नाम से एक व्यंग्य उपन्यास भी लिख चुके हैं।