कथित मुख्यधारा की पत्रकारिता का हाल देखते हुए न्यूज़ चैनल के ऐंकर और ऐंकरानियों का ‘इंडियन स्टेट’ और ‘इंडियन रिपब्लिक’ में फ़र्क़ न कर पाना स्वाभाविक है। लेकिन केंद्र में हुकूमत कर रही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का भी यह फ़र्क़ न समझना चिंता की बात है। उनसे पूछा जाना चाहिए कि अगर चुनाव आयोग समेत कई संवैधानिक संस्थाओं और एजेंसियों के पक्षपात के व्यापक संदर्भ में दिया गया ‘इंडियन स्टेट से संघर्ष’ का राहुल गाँधी का बयान ‘देश तोड़ने वाला’ है तो फिर इमरजेंसी लगने से पहले भारत की सेना और पुलिस से इंदिरा सरकार के आदेशों को न मानने का आह्वान करने वाला जय प्रकाश नारायण का बयान क्या था? क्या जे.पी.नड्डा, राहुल गाँधी की तरह जेपी को भी ‘देश-तोड़क’ कहेंगे?