बॉलीवुड अभिनेत्री और लोकसभा सदस्य कंगना रनौत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के चीफ़ मोहन भागवत में एक समानता है। दोनों ही नहीं मानते कि 15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ था। और फ़र्क़ ये है कि कंगना मानती हैं कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ भारत ने आज़ादी की साँस ली, जबकि मोहन भागवत इस तारीख़ को दस साल और आगे खिसका देते हैं। मोहन भागवत का हालिया चर्चित बयान है कि 'भारत को सच्ची आज़ादी राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दिन मिली।’ यानी 15 अगस्त 1947 नहीं 22 जनवरी 2024 को भारत आज़ाद हुआ।
भागवत की 'सच्ची आज़ादी' में आंबेडकर और भगत सिंह को देश-निकाला मिलेगा!
- विश्लेषण
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- 16 Jan, 2025
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत के महान स्वतंत्रता आंदोलन को महत्वहीन कर दिया। यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि भागवत ने देशद्रोह जैसा ऐसा कृत्य क्यों किया। लेकन वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि आरएसस ने आज़ादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेज़ों के पिट्ठू का रोल अदा किया था और चाहता है कि लोग उन अथक क़ुर्बानियों और शहादतों को महत्व ने दें क्योंकि उस लड़ाई से संघ के मुताबिक ‘सच्ची’ आज़ादी हासिल नहीं हुई थी।
