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एक्टर सैफ अली खान और घटनास्थल पर पहुंची जांच टीम

सैफ अली ख़ान पर कैसे हुआ हमला, कटघरे में फडणवीस सरकार

मुंबई पुलिस का कहना है कि बॉलीवुड एख्टर सैफ अली खान पर गुरुवार तड़के मुंबई में उनके आवास पर जानलेवा हमला किया गया। हमलावर ने उनको कई चाकू मारे, जिससे वो घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि 54 साल के खान को अस्पताल में भर्ती कराया गया। 
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक, एक अज्ञात शख्स सैफ अली खान के घर में घुस आया और दोनों के बीच हाथापाई हुई। उन्होंने बताया कि घटना के वक्त अभिनेता के परिवार के कुछ सदस्य घर में मौजूद थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या घुसपैठिए द्वारा अभिनेता के घर पर डकैती का प्रयास किया गया या और कोई वजह है, पुलिस ने जांच जारी है। हम हर पहलू से जांच कर रहे हैं।
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कानून व्यवस्था पर सवाल

एक्टर सैफ अली खान पर हुए जानलेवा हमले को लेकर शिवसेना यूबीटी ने गुरुवार सुबह मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा- ''सैफ अली खान एक कलाकार हैं। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उन्होंने और उनके परिवार ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी... जिस वक्त सैफ अली खान पर चाकू से हमला हुआ उस वक्त पीएम मोदी मुंबई में ही थे। ऐसे में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गयी है। मुंबई और बीड में क्या हो रहा है? आम जनता सुरक्षित नहीं है। ये घटनाएं हर दिन हो रही हैं।”
मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या और एक्टर सलमान खान के घर पर फायरिंग और लगातार हमले की कोशिश बता रही है कि महायुति राज में कानून व्यवस्था कहां पहुंच गई है। 12 अक्टूबर 2024 को बाबा सिद्दीकी की हत्या की गई थी। उस समय फडणवीस राज्य के डिप्टी सीएम थे और गृह विभाग उनके पास था। उससे पहले 14 अप्रैल 2024 को सलमान के घर फायरिंग हुई। सलमान पर हमले की कई कोशिशें हो चुकी हैं। यह भी फडणवीस के दौर में हुआ। वही फडणवीस अब सीएम और अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल किया है कि इतना सुरक्षा घेरे में रहने वालों पर किस तरह हमले हो रहे हैं।

फडणवीस के पास जवाब है?

फडणवीस की सरकार में शामिल एनसीपी ने सिद्दीकी की हत्या को "गृह विभाग और मुंबई पुलिस की पूरी विफलता" कहा था। सिद्दीकी की हत्या पुणे के नाना पेठ इलाके में पूर्व एनसीपी पार्षद वनराज आंदेकर की हत्या के ठीक बाद हुई थी। उस समय के उपमुख्यमंत्री फडणवीस, जिनके पास गृह विभाग था, को विपक्ष और उसके गठबंधन सहयोगियों के कुछ नेताओं के असहज सवालों का सामना करना पड़ा था। वही सवाल अब बीड और सैफ, सलमान पर हुए हमलों को लेकर भी पूछे जा रहे हैं।
फडणवीस तब भी सवालों में घिरे थे जब फरवरी 2024 में भाजपा के कल्याण से पूर्व विधायक गणपत गायकवाड़ ने भूमि विवाद को लेकर एक पुलिस स्टेशन के अंदर शिवसेना कार्यकर्ता महेश गायकवाड़ को गोली मार दी थी।

मुंडे को फडणवीस का संरक्षण?

बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या कर दी गई। इस मामले में फडणवीस कैबिनेट के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मीकि कराड पर आरोप लगे। पुलिस ने वाल्मीकि कराड को गिरफ्तार कर लिया। उस मुंडे के संरक्षण में राज्य में अपहरण, फिरौती का रैकेट चलाने का आरोप है। लेकिन फडणवीस ने अपने मंत्री को अभी तक हटाया नहीं है। इस मुद्दे पर उनकी जमकर आलोचना हो रही है। एक तरफ तो आरोपी वाल्मीकि कराड के समर्थक बीड बंद करा रहे हैं और कानून व्यवस्था को हाथ में ले रहे हैं। दूसरी तरफ सरपंच संतोष देशमुख के समर्थक इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं कि पुलिस मंत्री धनंजय मुंडे की वजह से वाल्मीकि कराड पर सख्त धारएं नहीं लगा रही है। 
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भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की दिसंबर में सत्ता में वापसी हुई थी। लेकिन सरकार बनने के बाद पहले बीड की घटना हुई और फिर परभणी जिले में हिंसा हुई। जिससे फडणवीस राज में हुई कानून व्यवस्था पर और चोट पड़ी।मराठवाड़ा क्षेत्र के परभणी शहर में 10 दिसंबर को रेलवे स्टेशन के बाहर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के पास कांच से बंद संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त किया गया। इसके बाद दलितों और जनसंगठनों ने बंद का आह्वान किया। उसी दौरान हिंसा हुई। 
यह मामला तब और भड़क गया जब मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति ने संविधान की प्रतिकृति का अपमान किया। जबकि परभणी के दलित संगठनों ने कहा कि जिस शख्स को फडणवीस मानसिक रूप से अस्थिर बता रहे हैं वो दक्षिणपंथी संगठन सकाल हिन्दू समाज का सदस्य है। उसने जानबूझकर ऐसा किया। पुलिस पर आरोप लगा कि उसने परभणी में दलितों को उनके घरों में घुसकर पीटा। दरअसल परभणी में दो घटनाये हुई थीं। एक दलित युवक की पुलिस स्टेशन में मौत हो गई थी, उस पर भी लोग भड़क गये थे।
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)
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क़मर वहीद नक़वी
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