हमें एक ऐसे परिदृश्य की कल्पना करना प्रारम्भ कर देना चाहिए जिसमें वे सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स (फ़ेसबुक, ट्विटर, वाट्सऐप, इंस्टा, आदि), जिनका कि हम आज धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं, या तो हमसे छीन लिए जाएँगे या उन पर व्यवस्था का कड़ा नियंत्रण हो जाएगा। और यह भी कि सरकार की नीतियों, उसके कामकाज आदि को लेकर जो कुछ भी हम आज लिख, बोल या प्रसारित कर रहे हैं उसे आगे जारी नहीं रख पाएँगे।