इजरायल की एक कम्पनी द्वारा ‘हथियार’ के तौर पर विकसित और आतंकवादी तथा आपराधिक गतिविधियों पर काबू पाने के उद्देश्य से ‘सिर्फ़’ योग्य पाई गईं सरकारों को ही बेचे जाने वाले अत्याधुनिक और बेहद महंगे उपकरण का चुनिन्दा लोगों की जासूसी के लिए इस्तेमाल किए जाने को लेकर देश की विपक्षी पार्टियों के अलावा किसी भी और में कोई आश्चर्य, विरोध या ग़ुस्सा नहीं है। मीडिया के एक धड़े द्वारा किए गए इतने सनसनीखेज खुलासे को भी पेट्रोल, डीजल के भावों में हो रही वृद्धि की तरह ही लोगों ने अपने घरेलू ख़र्चों में शामिल कर लिया है। यह संकेत है कि सरकारों की तरह अब जनता भी उदासीनता के गहराते कोहरे की चादर में दुबकती‌ जा रही है।