सोशल मीडिया पर एक बेहद दिलचस्प, लेकिन अचरज़भरी चेतावनियों से लदी पोस्ट दिखाई दी। वाट्सएप पर विदेश से भेजी हुई थी। पोस्ट में माता-पिताओं को उनके बच्चों के बारे में चरम वामपंथवाद को लेकर सावधान किया गया था। अभिभावकों से पूछा गया था कि क्या उन्हें अपने बच्चों में निम्न सात ख़तरनाक़ लक्षण दिखाई देते हैं:
उन्हें चाहिए ’संगदिल बच्चे’, ’चेतना शून्य नागरिक!’
- विचार
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- 22 Oct, 2024

एक तरफ मोदी सरकार का दावा है कि वह 81 करोड़ लोगों का पेट भर रही है और चुनाव जीत भी रही है। लेकिन, फिर भी हम भूख तालिका में क्यों नीचे की तरफ़ फिसलते जा रहे हैं? कुछ तो वज़ह होगी?
1. क्या उनमें निर्धन और श्रमिक वर्ग के लिए हमदर्दी है?,2. क्या वे हाशिये के समूह के साथ होनेवाले व्यवहार को लेकर चिंता करते हैं?,3. क्या उनमें फासीवाद और वर्तमान राजनैतिक वातावरण को लेकर चिंताएं हैं?4. क्या वे सभी योनिकताओं, धर्म, लिंग और नस्ल को स्वीकार करते हैं?5. क्या वे ऐसा विश्व चाहते हैं जहाँ सभी लोग समानता से रहें?6. क्या उनकी इतिहास और दर्शन में रूचि है?7. क्या वे समाज में हो रहे विभिन्न अन्यायों के समाधान को लेकर चर्चा करते हैं?
ये सात हिदायतें या सवाल सिर्फ़ हिदायत या सवाल तक ही सीमित नहीं हैं। इनमें निहित अर्थ, सन्देश और राज व्यवस्था की तस्वीर को समझने की ज़रूरत है। यह सात सवालों की पोस्ट अकारण डाली गयी होगी, ऐसा प्रतीत नहीं होता है। निश्चित ही ये सवाल कई लोगों को प्रेषित किये गए होंगे! इन सवालों के माध्यम से लोगों के मनोदृष्टि संसार में झाँकने -टटोलने की क़वायद की गई होगी। ऐसा तो नहीं हो सकता कि सवालों के लेखक ने निःस्वार्थ भाव से लोगों से सवाल पूछे हैं। यदि ये सवाल निरापद या मासूम होते, तो निश्चित ही इस तरफ ध्यान नहीं जाता। लेकिन, सातों सवालों का सीधा रिश्ता वर्तमान विषमताग्रस्त समाज, फैलते असंतोष -तनाव, विश्व में बढ़ते चरम दक्षिणपंथ और आक्रामक कॉर्पोरेट पूंजीवाद से है। सवाल ऐसे समय पर वायरल हो रहे हैं जब मध्यपूर्व एशिया में इसराइल बनाम हमास जंग, रूस -यूक्रेन, और आर्थिक विषमताओं को लेकर सामाजिक -राजनैतिक तनाव बढ़ रहे हैं। मूल रूप से इंग्लिश में प्रेषित सवालों को अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के सन्दर्भ में भी देखा जाना चाहिए। रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रम्प ने रह रह कर अपनी चुनाव सभाओं में अपनी विरोधी प्रत्याशी कमला हैरिस के सम्बन्ध में रट लगा रखी है कि वे ‘समाजवादी, मार्क्सवादी, कम्युनिस्ट और सोवियत यूनियन समर्थक हैं।’ क्योंकि वे गरीबों और निम्न व मध्य वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य, आवास, शिशु कल्याण, ओबामा केयर आदि के संबंध में सोचती हैं। वे अमेरिका की गन पॉलिसी को बदलना चाहती हैं और खरबपतियों पर अधिक टैक्स लगाना चाहती हैं। इसके साथ ही मध्य पूर्व जंग को लेकर अमेरिका के कॉलेज- परिसरों में छात्र असंतोष बढ़ रहा है। पुलिस को भी हस्तक्षेप करना पड़ा है। महंगाई और बेरोज़गारी को लेकर समाज में असंतोष भी है।