कृषि क्षेत्र में लाए गए तीन सुधारवादी क़ानूनों के विरोध में किसान 26 नवंबर से दिल्ली घेरे हुए हैं। कई दौर की वार्ता के बाद भी अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। सैकड़ों किसान संगठनों ने भारत बंद भी किया। 9 दिसंबर को आंदोलनकारियों और सरकार के बीच निर्णायक चरण की बातचीत भी प्रस्तावित है। मोदी सरकार के लिए किसान आंदोलन अब तक की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। पूरा विपक्ष भी किसानों के पक्ष में कूद पड़ा है। किसान इन मुद्दों पर आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। किसानों की समस्याओं का जल्द कुछ हल नहीं निकाला गया तो यह आंदोलन सरकार के गले की फाँस बन सकता है।