कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने गुजरात के विकास की पोल खोलकर रख दी है। गुजरात मॉडल का बहुत ढोल पीटा गया था, मगर इस महामारी ने बता दिया है कि दरअसल गुजरात का विकास काग़ज़ों पर हुआ होगा और अगर कुछ हुआ भी है तो उसका फ़ायदा वहाँ के आम लोगों को नहीं मिला।गुजरात में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत खस्ता होने के कारण ही कोरोना वायरस का संक्रमण बड़ी तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। अब चार ज़िलों को छोड़कर सभी ज़िलों में कोरोना के मरीज़ मिल चुके हैं। संक्रमित लोगों की संख्या के मामले में वह महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर पहुँच गया है। प्रदेश में जिस रफ़्तार से संक्रमण फैल रहा है और मौंतों की जो दर है, उससे कहा जा रहा है कि वह कोरोना का एपिसेंटर यानी मुख्य केंद्र बन सकता है। देश में कोरोना से क़रीब एक तिहाई मौतें गुजरात में हो रही हैं।