बात कोरोना महामारी को लेकर है। शुरुआत गुजरात से की जानी चाहिए। गुजरात के कथित ‘विकास मॉडल’ को ही अपने मीडिया प्रचार की सीढ़ी बनाकर नरेंद्र मोदी सात साल पहले एक मुख्यमंत्री से देश के प्रधानमंत्री बने थे। गुजरात उच्च न्यायालय ने हाल में कोरोना के इलाज की बदहाली पर एक स्व-प्रेरित याचिका को आधार बनाकर पहले तो यह टिप्पणी की कि राज्य ‘स्वास्थ्य आपातकाल’ की ओर बढ़ रहा है और बाद में उसने प्रदेश सरकार के इस दावे को भी ख़ारिज कर दिया कि स्थिति नियंत्रण में है। बात इसी महीने की है।