सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने गुरुवार को कहा कि कोर्ट नागरिकता संशोधन क़ानून से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई तब तक नहीं करेगा जब तक इससे जुड़ी हिंसा नहीं रुक जाती। जब जामिया मिल्लिया में हुई पुलिस ज़्यादतियों की शिकायत करने के लिए वकील सुप्रीम कोर्ट गए थे, तब भी बोबड़े ने कहा था कि पहले हिंसा रुकवाइए, फिर हम सुनवाई करेंगे। मानो, सुप्रीम कोर्ट मानकर चल रहा हो कि दिल्ली में जो भी हिंसा हो रही थी, वह जामिया के छात्र ही कर रहे थे जबकि पुलिस की ही जाँच से पता चला कि हिंसा में जामिया के छात्रों का कोई हाथ नहीं था और हिंसा के लिए गिरफ़्तार किए गए लोगों में जामिया का कोई छात्र नहीं था