आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं। भले ही उन्होंने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा हो लेकिन जैसे ही केंद्र की सरकार बनवाने में तेलुगु देशम पार्टी की भूमिका महत्वपूर्ण हुई उन्होंने भरपूर और लाभप्रद सौदेबाजी करने से परहेज नहीं किया। केंद्र में मलाईदार मंत्रालयों के साथ अपने प्रदेश के लिए अच्छा खासा आर्थिक पैकेज भी उन्होंने मार लिया। अब आर्थिक अपराधों के सारे मुकदमे, जो भाजपा द्वारा उन पर दबाव डालने का हथकंडा माने जाते थे, वापस कराके उन्होंने फिर से अपनी राजनैतिक और सौदेबाजी वाली शक्ति का प्रदर्शन किया है। पर इधर तिरुपति के लड्डुओं में चर्बी की मिलावट का सवाल उठाकर उन्होंने जिस राजनैतिक दांव को मारा उसकी व्याख्या और उसके असर को अभी तक समझने की कोशिश हो रही है। कोई वाईएसआर कांग्रेस इसी आंध्र में ताकतवर थी, यह समझना मुश्किल है।