तो जनगणना भी रुक गई है। कायदे से अब तक पिछले दशक के बदलाओं और विकास को बताने वाले आँकड़े आ जाने चाहिए थे लेकिन अभी तो जनगणना शुरू भी नहीं हुई है। ऐसा 150 साल में पहली बार हो रहा है। इस बार सरकार की तरफ से कोरोना को कारण बताया गया लेकिन 2019 तक तो कोरोना कहीं न था और तब तक जनगणना की शुरुआत हो जानी चाहिए थी। बीते हर अवसर पर जनगणना का काम इतना पहले तो शुरू हो ही जाता था। और जिस तरह जनगणना में शामिल जानकारियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जनगणना का फार्म बड़ा हो रहा है, उसे भरवाना ज्यादा समय ले रहा है और उसके आंकड़ों का मिलान और विश्लेषण ज्यादा व्यक्त की मांग करते हैं। इसलिए होना यही चाहिए था कि वक़्त पर शुरुआत जरूर हो जानी चाहिए थी। पर जैसे सरकार किसी बहाने का इंतज़ार कर रही थी। कोरोना ने वह अवसर दे दिया।
सरकार जनगणना से क्यों डर रही है?
- विचार
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- अरविंद मोहन
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- 7 Sep, 2022


अरविंद मोहन
स्पेनिश फ्लू हो या विश्व युद्ध, जब भारत में जनगणना का काम तब नहीं रुका तो कोरोना को कारण बता अब इसे क्यों रोका गया है? 2019 में तय समय पर जनगणना कार्य क्यों शुरू नहीं हुआ तब तो कोरोना आया ही नहीं था?
अरविंद मोहन
अरविंद मोहन वरिष्ठ पत्रकार हैं और समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।