मानहानि मामले में राहुल गाँधी को मिली सज़ा पर रोक के फ़ैसले पर बीजेपी आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि ‘बकरे की अम्मा कब तक ख़ैर मनाएगी?’ राजनीतिक मर्यादा की कसौटी पर यह ट्वीट न सिर्फ भद्दा बल्कि हिंसक भी था। अगर यही मुहावरा विपक्ष के किसी नेता ने इस्तेमाल किया होता तो सोशल मीडिया ही नहीं, मुख्यधारा का मीडिया भी ‘मोदी की हत्या की साज़िश’ का संकेत मानते हुए पिल पड़ा होता।