दिल्ली में एफएम रेडियो पर केजरीवाल सरकार का विज्ञापन आ रहा है जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजधानी के दो करोड़ लोगों से उनके साथ दीवाली मनाने का आग्रह कर रहे हैं और कह रहे हैं कि भगवान राम दिल्ली पर कृपा करेंगे। आखिर में केजरीवाल कहते हैं- जय श्री राम। यूं, मुझे तो इसमें से किसी बात में कोई दुविधा, परेशानी या दिक्कत नहीं है, लेकिन हैरानी ज़रूर हो रही है।
‘नई राजनीति’ करने आए केजरीवाल को भी सियासत में राम नाम का सहारा चाहिए!
- विचार
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- 28 Oct, 2021

कुछ लोग कहते हैं कि सिर्फ़ केजरीवाल पर सवाल क्यों, ज़्यादातर राजनीतिक दलों ने अपनी राजनीतिक दिशा बदल दी है। अखिलेश यादव को भी भगवान राम याद आने लगे हैं। मायावती भी उनसे दो कदम आगे बढ़कर राम पथ पर चल रही हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने अब यूपी में मंदिर-मंदिर जाना शुरु कर दिया है।
क्या यह वही अरविंद केजरीवाल हैं जो हिन्दुस्तान में राजनीति को बदलने आए थे, नई दिशा देने का वादा करके और कुछ राजनीतिक विश्लेषकों की बात मानें तो वे मुसलिम तुष्टिकरण की राजनीति के साथ चलने के पक्ष में रहे थे और राम का नाम लेने से परहेज़ करते थे। फिर अब वो अयोध्या भी हो आए, दर्शन भी किए और सरयू की आरती भी। इससे पहले मनीष सिसोदिया साहब भी अयोध्या की यात्रा करके आ गए हैं।