सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘ट्विटर’ पर किसी आलोचक ने ट्वीट किया था कि: ‘2014 में जिसके पास हर समस्या का हल था वही आदमी आज देश की सबसे बड़ी समस्या बन गया है।’ इस ट्वीट में सिर्फ़ एक बदलाव-देश की जगह पार्टी-कर दिया जाए तो मेरी आगे की बात साफ़ हो जाएगी।
अनुपम खेर ने क्यों कहा छवि बनाने के अलावा भी जीवन में बहुत कुछ है?
- विचार
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- 13 May, 2021

अनुपम खेर ने मोदी की वापसी को लेकर पिछले दिनों क्या कह दिया था, हाल में जो कुछ कहा है उसका ‘सारांश’ यह है कि : “कोरोना संकट में सरकार ‘फ़िसल’ गई है और उसे ज़िम्मेदार ठहराना महत्वपूर्ण है। यह समय उनके लिए इस बात को समझने का है कि छवि बनाने के अलावा भी जीवन में बहुत कुछ है...'
ख़बरों की खेती करने वाले ‘गोदी मीडिया’ के शहर दिल्ली में ऑक्सिजन का संकट जैसे-जैसे कम हो रहा है और पत्रकारों को भी फ़्रंट लाइन वर्कर मानते हुए टीके लगना शुरू हो गए हैं, बीजेपी के आईटी सेल और संघ सहित अनुषांगिक संगठन आक्रामक तरीक़े से प्रधानमंत्री की छवि को बचाने के अभियान में जुट गए हैं। नागरिकों की जानें बचाने का काम जिस भी गति से, जिन भी मोर्चों पर और चाहे जैसा भी चल रहा हो, दुनिया भर से उठ रही इस माँग को पूरी तरह से ख़ारिज करते हुए कि नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी से मची तबाही में अपनी ग़लती को स्वीकार करें, उच्च-स्तरीय मुहिम शुरू कर दी गई है कि मोदी और पार्टी की साख को और गिरने से कैसे रोका जाए।