“हिन्दू धर्म विभीषिकाओं का वास्तविक घर है।” (डॉ. आंबेडकर, अन्निहिलेशन ऑफ़ कास्ट,पृ. 2O)
शाह उवाच सवर्ण श्रेष्ठता का प्रतीक? आंबेडकर अपमानित हुए
- विचार
- |
- |
- 19 Dec, 2024

आंबेडकर पर अमित शाह के बयान से क्या संदेश जाता है? क्या वह सवर्ण श्रेष्ठता दिखा रहे हैं? आंबेडकर के अलावा भगवान्, सात जन्म और स्वर्ग के नाम लेकर क्या गृहमंत्री लम्बे समय तक विवादों में नहीं घिर गए?
“मैंने पूर्ण जागरूकता के साथ यह खतरा मोल लिया है। मैं परिणामों से डरता नहीं हूँ। यदि मैं जनता को आंदोलित करने में कामयाब रहता हूँ तो मुझे ख़ुशी होगी।” (डॉ. आंबेडकर, अप्रकाशित लेखन - रिडल्स इन हिन्दुइस्म, पृ. 9 )
वंचित वर्ग के प्रेरणा पुंज डॉ. भीमराव आंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह का बाबा साहब पर उवाच ने संसद के भीतर ही नहीं, बाहर भी प्रतिवाद का तूफ़ान खड़ा कर दिया है। उन्होंने राज्यसभा में बाबा साहब आंबेडकर के बार बार नाम लेने को ‘फैशन’ की संज्ञा दी थी। उनका उवाच था “ अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान् का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।” सवर्ण वर्ग के अमित शाह के इस उवाच से पैदा प्रतिकार व प्रतिरोध का तूफान संसद परिसर की चार दीवारी तक ही सीमित रहने वाला नहीं है। बल्कि,यह देश में सवर्ण बनाम असवर्ण के बहु आयामी टकराव को जन्म दे सकता है। इसमें सामाजिक+सांस्कृतिक+ राजनीतिक विस्फोटों के काफी तत्व निहित हैं। आंबेडकर के अलावा भगवान्, सात जन्म और स्वर्ग के नाम लेकर गृहमंत्री शाह लम्बे समय तक विवादों में घिरे रहेंगे और भाजपा की चुनाव रणनीति भी प्रभावित होगी।