बहस का विषय इस समय यह है कि वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण अगर अपने आपको वास्तव में ही निर्दोष मानते हैं तो उन्हें बजाय एक रुपये का जुर्माना भरने के क्या तीन महीने का कारावास नहीं स्वीकार कर लेना चाहिए था? सवाल बहुत ही वाजिब है। पूछा ही जाना चाहिए। प्रशांत भूषण ने भी अपनी अंतरात्मा से पूछकर ही तय किया होगा कि जुर्माना भरना ठीक होगा या जेल जाना!
प्रशांत भूषण ने क्यों स्वीकार की जुर्माने की सजा?
- विचार
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- 2 Sep, 2020

क्या यह न्यायसंगत नहीं होगा कि प्रशांत भूषण द्वारा एक रुपये का जुर्माना भरकर मुक्त होने को करोड़ों लोगों की ओर से जनहित के मामलों में सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने से तीन वर्षों के लिए वंचित हो जाने की पीड़ा भुगतने से बच जाने के रूप में लिया जाए?
प्रशांत भूषण के ट्विटर पर सत्रह लाख फ़ॉलोवर्स के मुक़ाबले एक सौ सत्तर लाख से अधिक फ़ॉलोवर्स की हैसियत रखने वाले ‘चरित्र’ अभिनेता अनुपम खेर ने भी अपना सवाल ट्विटर पर ही उठाया और कहा- ‘एक रुपया दाम बंदे का! और वह भी उसने अपने वकील से लिया !! जय हो !!।’