जुलाई के आरम्भ में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2006 से 2016 के बीच भारत में 27.1 करोड़ लोग बेहद ग़रीबी की हालत से बाहर आ गए। इस रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और कैम्ब्रिज पोवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव ने संयुक्त रूप से तैयार किया है और इसमें विश्व के 101 देशों में व्याप्त बहुआयामी ग़रीबी का वर्ष 2006 से 2016 के बीच का आकलन किया गया है। बहुआयामी ग़रीबी के आकलन में स्वास्थ्य, शिक्षा, हिंसा, संपत्ति, खाना पकाने के ईंधन, पोषण, स्वच्छता, बिजली, आवास और साफ़ पानी पर विशेष जोर दिया दिया जाता है।
क्या हम वास्तव में ग़रीबी को हरा रहे हैं?
- विचार
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- 31 Jul, 2019

वैश्विक सन्दर्भ में हम ग़रीबी को मात दे रहे हैं जबकि अफ़्रीकी देशों में ग़रीबों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा हुआ है, या यह सिर्फ़ आंकड़ों की बाजीगरी है।