लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एनडीए का कुनबा फिर बढ़ सकता है। खबर है कि ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल या बीजेडी जल्द ही एनडीए में शामिल हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो करीब 15 वर्ष के बाद भाजपा और बीजेडी के बीच फिर से गठबंधन होगा। ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा के चुनाव भी होने हैं।
सूत्रों के मुताबिक दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत हो चुकी है अब बस इसका ऐलान बाकि है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा 13 से 14 सीटों पर और बीजेडी 7 से 8 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। वहीं बीजेडी विधानसभा चुनाव में 95 से 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
गठबंधन पर फैसला लेने के लिए बुधवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सीएम नवीन पटनायक के घर पर बीजेडी नेताओं की एक लंबी बैठक हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक के बाद बीजेडी के उपाध्यक्ष देबी प्रसाद मिश्रा ने कहा कि हमारी भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही है। हमारी पार्टी बीजेडी ओडिशा के लोगों के हितों को देखते हुए जरूरी फैसला लेगी।
उनके इस बयान के बाद माना जा रहा है कि भाजपा और बीजेडी में गठबंधन को लेकर सहमति बनती दिख रही है। अब मामला लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले को लेकर फंसा हुआ है। इसको लेकर समाधान होने के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन का औपचारिक ऐलान कभी भी किया जा सकता है।
दूसरी तरफ बुधवार को ओडिशा में लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर दिल्ली में भाजपा नेताओं की एक बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद भाजपा के एक नेता ने भी कहा था कि दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन गठबंधन पर अंतिम फैसला आलाकमान करेगा।
वहीं अंग्रेजी अखबार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा भाजपा नेताओं ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है।
उनकी यह मुलाकात इन संकेतों के बीच हुई कि भाजपा राज्य में एक साथ होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए बीजद के साथ गठबंधन कर सकती है। अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ हुई इस बैठक में ओडिशा भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल,केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम मौजूद थे।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा और बीजद के बीच गठबंधन की प्रबल संभावना है, इसी को लेकर भाजपा नेताओं की यह बैठक हुई थी। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ओडिशा में बीजेडी के साथ गठबंधन होने पर भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी।
सूत्रों ने कहा कि गठबंधन की स्थिति में, भाजपा निश्चित रूप से राज्य की अधिकांश लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बीजेडी अधिकांश विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
ओडिशा में 21 लोकसभा सीटें और 147 विधानसभा सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेडी ने 12 और भाजपा ने 8 सीट जीती थी। वहीं विधानसभा चुनाव में बीजेडी ने 112 और भाजपा ने 23 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।
इस कारण करीब आए दोनों दल
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट कहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बीजेडी सुप्रीमो नवीन पटनायक के अच्छे संबंधों ने दोनों पार्टियों को करीब आने में मदद की है। पीएम ने मंगलवार को अपनी ओडिशा यात्रा के दौरान नवीन पटनायक को एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री बताते हुए उनकी सराहना की थी। उन्होंने संकेत दिया था कि ओडिशा, लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के 400 से अधिक सीटों के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वहीं सीएम ने कहा था कि मोदी ने भारत के लिए आर्थिक महाशक्ति बनने का रास्ता तय कर दिया है।
वहीं राजनैतिक विश्वेषकों का मानना है कि दोनों दलों के बीच अगर गठबंधन होता है तो एनडीए ओडिशा में काफी मजबूत बनकर उभरेगा। गठबंधन नहीं होने की स्थिति में भाजपा को ओडिशा में बड़ा नुकसान हो सकता है। राज्य में कांग्रेस भी उभरने की पूरी कोशिश कर रही है।
अगर भाजपा और बीजेडी के बीच गठबंधन होता है तो राज्य में विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा कांग्रेस होगी। पिछले दिनों अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर ओडिशा पहुंचे राहुल गांधी ने संकेत दिया था कि पार्टी ओडिशा में अब मजबूती से चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस ओडिशा में विपक्ष के लिए हुए खाली स्पेस को भरना चाहती है।
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