फ़िल्म अभिनेता दिलीप कुमार एक नायक की तरह जिए और नायक की तरह चले गए। एक ऐसा हीरो जिसने आज़ादी के करीब पहुँचते हिन्दुस्तान के साथ जब अपना फ़िल्मी सफर शुरू किया तो उनके नज़रिए से मुल्क़ का नौजवान दिखने लगा।