फ़िल्म अभिनेता दिलीप कुमार एक नायक की तरह जिए और नायक की तरह चले गए। एक ऐसा हीरो जिसने आज़ादी के करीब पहुँचते हिन्दुस्तान के साथ जब अपना फ़िल्मी सफर शुरू किया तो उनके नज़रिए से मुल्क़ का नौजवान दिखने लगा।
करगिल की जंग के दौरान दिलीप कुमार ने पाक प्रधानमंत्री को क्या कहा था?
- श्रद्धांजलि
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- 7 Jul, 2021

शिवसेना नेता बालासाहेब ठाकरे से यूं तो दिलीप कुमार की लंबी दोस्ती रही ,लेकिन 1998 -99 में उनके रिश्ते खराब हो गए, जब पाकिस्तान ने दिलीप कुमार को सर्वोच्च सम्मान 'निशान ए इम्तियाज़' देने की घोषणा की। ठाकरे ने इस सम्मान को लेने पाकिस्तान जाने का जब विरोध किया तो राजनीतिक हंगामा भी खूब हुआ।
ट्रैजेडी किंग की भूमिका निभाने वाला शख्स असल जिंदगी में हमेशा मुस्कराने वाला इंसान रहा। फिल्मों के उनके सफर पर तो ज्यादातर लोग जानते हैं, लेकिन हम उनके ग़ैर- फ़िल्मी सफर की चर्चा कर रहे हैं।
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने अपनी किताब ‘नीदर ए हॉक नार ए डव’ में लिखा है कि कारगिल जंग के वक्त वाजपेयी ने फ़िल्म अभिनेता दिलीप कुमार की भी नवाज़ शरीफ़ से फोन पर बात करवाई थी।
दिलीप कुमार भी वाजपेयी के साथ लाहौर बस में गए थे और पाकिस्तान ने 1997 में अपने सबसे बड़े सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से दिलीप कुमार को नवाज़ा था।
दिलीप कुमार भी वाजपेयी के साथ लाहौर बस में गए थे और पाकिस्तान ने 1997 में अपने सबसे बड़े सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से दिलीप कुमार को नवाज़ा था।