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राहुल गांधी के खिलाफ फर्जी खबर चलाने वाले जी न्यूज ने माफी मांगी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ जी न्यूज ने जो फर्जी शरारतपूर्ण खबर चलाई, उसका पर्दाफाश हो गया है। हालांकि जी न्यूज उसे मानवीय भूल बताकर अब माफी मांग रहा है। लेकिन जी न्यूज और बीजेपी का गठजोड़ इस शरारतपूर्ण खबर की वजह से सामने आ गया है। जी न्यूज ने जैसे ही राहुल गांधी के खिलाफ फर्जी शरारतपूर्ण खबर चलाई, बीजेपी के नेताओं ने उसे ट्वीट करके वायरल कर दिया। कांग्रेस ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है।

उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के बाद पुलिस ने राजसमंद जिले के भीमा इलाके से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद के रूप में हुई है।

ताजा ख़बरें
1 जुलाई को ज़ी न्यूज़ ने राहुल गांधी का एक वीडियो चलाया और दावा किया कि उन्होंने उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों को "बच्चे" कहा था। चैनल ने इसका फुटेज भी ट्वीट किया, लेकिन बाद में पोस्ट को डिलीट कर दिया। क्लिप में, जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन को यह कहते हुए सुना जा सकता है, देश के हर कोने के लोगों को लगता है कि यह अपराध बर्बर, गलत है और आरोपी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। विपक्ष के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी खुद आरोपी को 'बच्चे' कह रहे हैं तो इससे क्या संदेश जाता है? क्या कन्हैया का हत्यारा बच्चा था, जिसने उसे इतनी बेरहमी से मारा था।
कई बीजेपी नेताओं, पत्रकारों और सोशल मीडिया यूजर्स ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए जी न्यूज के उस वीडियो को बढ़ाया। इनमें से ज्यादातर लोगों ने Zee News क्लिप को शेयर करते हुए इस दावे को आगे बढ़ाया। इससे साबित होता है कि कहीं न कहीं जी न्यूज की तमाम फर्जी खबरों को बीजेपी के नेता वायरल करने में देर नहीं लगाते।
कन्नौज के बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने राहुल गांधी का एक वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि उन्होंने आरोपी को "बच्चे" कहा, जिन्होंने किसी तरह गलती से हत्या कर दी। 
अब हटाए गए एक ट्वीट में, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता राजवर्धन राठौर ने भी वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि राहुल गांधी ने आतंकवादियों को "बच्चे" कहा था।

Zee News apologizes for running fake news against Rahul Gandhi - Satya Hindi

तथ्यों की जांच

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि कांग्रेस नेता इस बात पर जोर दे रहे थे कि जी न्यूज का वायरल दावा फर्जी है। तब ऑल्ट न्यूज ने इसकी जांच का फैसला किया। कई यूजर्स ने वायरल ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी वास्तव में उन लोगों का जिक्र कर रहे थे जिन्होंने केरल में कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। 
वायरल वीडियो को करीब से देखने पर ऑल्ट न्यूज न्यूज एजेंसी एएनआई का एक माइक दिखाई दिया। जब हमने एएनआई के ट्वीट्स की खोज की, तो उसी वीडियो का एक फ्रेम मिला। इस क्लिप में राहुल गांधी अपने वायनाड कार्यालय में हुई तोड़फोड़ की घटना पर बयान दे रहे थे।

मीडिया से और खबरें
वायरल क्लिप में कुछ क्षेत्रीय मीडिया आउटलेट्स के माइक भी दिखाई दे रहे हैं। राहुल गांधी और उनके कार्यालय से जुड़े कुछ कीवर्ड्स का मलयालम में अनुवाद करके यूट्यूब पर सर्च किया। तब मनोरमा न्यूज़ के YouTube चैनल पर राहुल वाला वीडियो दिखा। कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि उनके कार्यालय में तोड़फोड़ करने वाले युवक "बच्चे" थे। उन्होंने कहा कि लड़कों ने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम किया और जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था।

संक्षेप में, ज़ी न्यूज़ ने झूठा दावा किया कि राहुल गांधी ने उदयपुर के आरोपियों को "बच्चे" कहा। इसके बाद कई बीजेपी नेताओं, पत्रकारों और सोशल मीडिया यूजर्स ने सोशल मीडिया पर इस दावे को हवा दी। दरअसल, राहुल गांधी वास्तव में उन युवकों की बात कर रहे थे, जिन्होंने वायनाड में उनकी पार्टी के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। छात्र संगठन एसएफआई का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यकर्ता कथित तौर पर कांग्रेस कार्यालय पर हमले के पीछे थे।

आल्ट न्यूज ने जब पर्दाफाश कर दिया तो ज़ी न्यूज़ ने इसे मानवीय गलती बताते हुए स्वीकार किया। लेकिन यह मानवीय गलती नहीं है, बल्कि जानबूझकर की गई गलती है।

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क़मर वहीद नक़वी
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