रवीश कुमार से बातचीत के दूसरे हिस्से 'रिपोर्टिंग से डरते थे... उसी डर को ताक़त बनाकर बन गए रवीश कुमार' को इस लिंक पर देखें, सुनें।
पत्रकार रवीश कुमार रेमन मैगसेसे पुरस्कार के विजेता हैं। एक समय पैसे नहीं थे तो चिट्ठी छाँटने का काम शुरू किया था। वही चिट्ठी छाँटने वाले रवीश कैसे बन गए मैगसेसे विजेता? जानिए, रवीश कुमार के ऐसे ही अनछुए पहलुओं को। देखिए सत्य हिंदी पर रवीश कुमार के साथ आशुतोष और शीतल पी सिंह की विशेष बातचीत।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।