महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग द्वारा उनकी पार्टी का नाम शिवसेना और चुनाव चिन्ह धनुष बाण को फ्रीज करने के बाद पहली बार एकनाथ शिंदे गुट पर हमला बोला है। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट में घमासान थमता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना और उसका चुनाव चिन्ह धनुष बाण को फ्रीज किए जाने के बाद पहली बार महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बयान सामने आया है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने जो फरमान जारी किया है उससे साफ जाहिर होता है कि एकनाथ शिंदे तो खुश हैं ही साथ ही बीजेपी उससे ज्यादा खुशी दिखाई दे रही है। उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे की तुलना रावण से करते हुए कहा कि 40 सिर के रावण ने आखिरकार प्रभु श्रीराम का धनुष बाण फ्रीज करवा दिया। ठाकरे ने कहा कि आप शिवसेना को अपनी मां मानते हो लेकिन आज आपने अपनी राजनीति के लिए अपनी मां के सीने में छुरा भोंक दिया है। ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज होने के बाद उन्हें सबसे ज्यादा खुशी हो रही है। बीजेपी के नेता ही खुद यह बोल रहे हैं कि हमने आपके ही लोगों को तोड़कर शिवसेना को ही फ्रीज करवा दिया।
उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग अब शिवसेना प्रमुख बनना चाहते हैं। यह अब कुछ ज्यादा ही हो रहा है। इन लोगों ने पूरी कोशिश की कि शिवाजी पार्क मैदान में हमारी दशहरा की रैली ना हो लेकिन न्याय देवता ने हमें आखिरकार न्याय मिल गया था। ठाकरे ने कहा कि दशहरा के दिन दो सम्मेलन हुए थे एक तरफ फाइव स्टार इवेंट हुआ था जबकि दूसरी तरफ शिवाजी पार्क के मैदान में आम शिवसैनिक सूखी भाकरी रोटी खाकर आया था। लोग कहते हैं कि उद्धव ठाकरे कौन हैं। मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि मैं उद्धव बालासाहेब ठाकरे हूं इसलिए आज मेरी कीमत है।
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की जनता को संबोधित करते हुए आगे कहा कि जब बाला साहब ठाकरे ने शिवसेना की शुरुआत की थी तो उनका शिवाजी पार्क के पास एक कमरा था। अचानक मेरे दादाजी ने बालासाहेब से पूछा कि आपके पास इतने लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं आपको कोई संगठन बनाना चाहिए। तब बाला साहेब ठाकरे ने अपने पिता को वचन दिया कि वह बहुत जल्द एक संगठन बनाएंगे। बालासाहेब के पिता प्रबोधनकार ठाकरे ने संगठन का नाम शिवसेना रखने का प्रस्ताव रखा था और यहीं से शिवसेना की शुरुआत हुई थी।
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ठाकरे ने कहा कि मराठी मानुष की अस्मिता को जिंदा रखने के लिए और हितों को साधने के लिए शिवसेना बनाने का ऐलान किया गया था। कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने शिवसेना के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया है, लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि संकट की हर विपदा में मेरे शिवसैनिकों ने उनसे भी बड़े बलिदान किए हैं। चुनाव आयोग ने शिवसेना और उसका चुनाव चिन्ह सीज कर दिया और 40 सिर के रावण ने प्रभु रामचंद्र का धनुष बाण फ्रीज करवा दिया। उन्होंने अपनी मां के सीने में छुरा भोंका है।
- उद्धव ठाकरे, 9 अक्टूबर को मुंबई में
उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना की एकता तोड़कर आपको क्या मिला? जब शिवसेना का गठन आपने किया ही नहीं तो फिर शिवसेना के नाम से आपका क्या संबंध है। ठाकरे ने आगे कहा कि शिंदे गुट को अभी यह समझ नहीं आ रहा है कि बीजेपी उनका कैसे इस्तेमाल कर रही है। बीजेपी आप का उपयोग करके आप को ऐसे फेंक देगी जैसे हम ब्रांडेड कंपनी की शरबत पीकर बोतल को फेंक देते हैं। ठाकरे ने कहा कि शिवसैनिकों को धमकाया जा रहा है, जो काम इमरजेंसी में इंदिरा गांधी ने नहीं किया था उससे भी ज्यादा ज्यादती आज हो रही है। ठाकरे ने कांग्रेस की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी भी शिवसेना पर बैन लगाने की कोशिश नहीं की लेकिन आप शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि मेरे पिता और दादा जी ने सिखाया है कि आपमें आत्मविश्वास होगा तो डरने की जरूरत नहीं है। मैं कभी लड़खड़ाया नहीं आप भी कभी मत लड़खड़ाना। अगर आप में हिम्मत है तो बाला साहेब ठाकरे का नाम का इस्तेमाल करना बंद कर दो। आपको बाला साहेब चाहिए पर बाला साहेब का पुत्र नहीं? ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग के इस निर्णय की मुझे अपेक्षा नहीं थी लेकिन मुझे न्याय देवता पर विश्वास है और हमें इंसाफ मिलेगा।
ठाकरे ने कहा कि जैसे ही कल चुनाव आयोग ने आदेश दिया तो उसके बाद हमने चुनाव आयोग को तीन पार्टियों के नाम शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे), शिवसेना (बालासाहेब प्रबोधनकार ठाकरे) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नाम दिए हैं। जबकि तीन चुनाव चिन्ह त्रिशूल, उगता सूरज और मशाल के ऑप्शन दिए हैं। मेरी चुनाव आयोग से अपील है कि अभी मुंबई में अंधेरी विधानसभा की सीट पर उपचुनाव है ऐसे में हमें चुनाव आयोग जल्द से जल्द चुनाव चिन्ह और हमारी पार्टी के नाम को मान्यता दे।
उधर एकनाथ शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता किरण पावसकर ने सत्य हिंदी से बातचीत में कहा कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना में इतनी बड़ी बगावत हो गई लेकिन उन्होंने अभी तक अपने भाषणों के स्क्रिप्ट राइटर को नहीं बदला है। पावसकर का कहना है कि उद्धव ठाकरे अभी तक यह नहीं समझ पाए हैं कि जब उनका पार्टी में वजूद ही नहीं रहा है तो फिर किस शिवसेना की बात करते हैं।
पावसकर का कहना है कि शिंदे गुट के पास इस समय 40 विधायक और 12 सांसदों का समर्थन है। इसलिए शिवसेना पर असली हक उनका ही है। पावसकर का कहना है कि हम चुनाव आयोग से अपील करेंगे कि उन्हें शिवसेना और पार्टी का चुनाव चिन्ह धनुष बाण जल्द से जल्द मिले।
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