दिल्ली किसान आन्दोलन को समर्थन
शरद पवार ने मुंबई के आज़ाद मैदान में जमा हज़ारों किसानों को संबोधित करते हुए सरकार को यह चेतावनी दी। कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के पास दो महीने से चल रहे किसान आन्दोलन को समर्थन देने के लिए मुंबई में यह सभा हो रही है।
महाराष्ट्र के नाशिक से 23 जनवरी को ही किसानों का जत्था रवाना हुआ, जिसकी अगुआई अखिल भारतीय किसान सभा कर रही थी। इसमें एनसीपी और दूसरे दलों के किसान संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल होते गए। रविवार को वे सब मुंबई के आज़ाद मैदान पहुँच गए।
आज़ाद मैदान में शरद पवार ने कहा कि सरकार ने बगैर राय मशविरा या तैयारी के ही लोकसभा से कृषि क़ानूनों को पारित करा लिया, जिसमें संविधान का उल्लंघन हुआ है, यह संविधान के साथ मजाक है।
राज्यपाल पर तंज
पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर तंज करते हुए कहा कि वे अभिनेत्री कंगना रनौत से मिल लेते हैं, पर किसानों से मिलने के लिए उनके पास समय नहीं है।
आज़ाद मैदान की सभा के बाद 23 किसानों का प्रतिनिधिमंडल राजभवन जाएगा और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किसानों का समर्थन किया है। उन्होंने एक मैसेज में कहा है कि कोरोना महामारी की वजह से वे ख़ुद आज़ाद मैदान नहीं जाएंगे, पर वे किसानों की माँगों का समर्थन करते हैं। समझा जाता है कि शिवसेना का कोई बड़ा नेता आज़ाद मैदान जाएगा।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2006 में एनसीपी की सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की अनुमति दे दी थी, अब वही बात केंद्र की ओर से पारित कृषि क़ानून में कही गई है तो उसका विरोध किया जा रहा है।
दिल्ली में ट्रैक्टर परेड
मुंबई में यह किसान रैली ऐसे समय हो रही है जब दिल्ली के पास चल रहे किसान आन्दोलन के संयोजकों को गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड की अनुमति मिल गई है। पुलिस ने कहा है कि किसान दिल्ली में घुस तो सकेंगे, लेकिन गणतंत्र दिवस परेड में बाधा नहीं डाल सकेंगे। किसानों की रैली गणतंत्र दिवस परेड ख़त्म होने पर दोपहर बाद ही निकाली जा सकेगी। तय रूटों पर ही ट्रैक्टर रैली निकालने की छूट होगी।
पुलिस ने रविवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस में साफ़ तौर पर कहा है कि उसने इस रैली को मंजूरी सिर्फ़ किसानों की माँगों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए दी है। पुलिस ने कहा है कि किसान कुछ किलोमीटर तक दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं और फिर तय स्थानों पर निकल सकते हैं।
हालाँकि भाग लेने वाले ट्रैक्टरों की संख्या अभी तय नहीं की गई है, लेकिन मार्ग को इस तरह से तय किया गया है कि ठीक से सुरक्षा प्रबंध किया जा सके। सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। समझा जाता है कि इस परेड में एक लाख से ज़्यादा ट्रैक्टर भाग लेंगे।
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