पालघर में दो साधुओं और उनके साथ गाड़ी के एक चालक की लिंचिंग हुई। वहाँ बीजेपी की सदस्य और स्थानीय सरपंच थीं। एनसीपी नेता थे। पुलिसकर्मी थे। भीड़ ने उन्हें दो घंटे से ज़्यादा समय तक पकड़ रखा था। फिर अचानक दो घंटे बाद ऐसा क्या हो गया कि भीड़ ने तीनों को मार डाला? यह पूरी घटना कैसे हुई, क्या उन बीजेपी और विपक्ष के नेताओं को पता है जिसके आधार पर वे एक-दूसरे के ख़िलाफ़ राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं? किन कारणों से हुई लिंचिंग और कब क्या हुआ घटनाक्रम?