पालघर में दो साधुओं और उनके साथ गाड़ी के एक चालक की लिंचिंग हुई। वहाँ बीजेपी की सदस्य और स्थानीय सरपंच थीं। एनसीपी नेता थे। पुलिसकर्मी थे। भीड़ ने उन्हें दो घंटे से ज़्यादा समय तक पकड़ रखा था। फिर अचानक दो घंटे बाद ऐसा क्या हो गया कि भीड़ ने तीनों को मार डाला? यह पूरी घटना कैसे हुई, क्या उन बीजेपी और विपक्ष के नेताओं को पता है जिसके आधार पर वे एक-दूसरे के ख़िलाफ़ राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं? किन कारणों से हुई लिंचिंग और कब क्या हुआ घटनाक्रम?
पालघर: बीजेपी सरपंच, एनसीपी नेता और पुलिस भी क्यों नहीं बचा पाई साधुओं को?
- महाराष्ट्र
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- 23 Apr, 2020
पालघर में दो साधुओं और उनके साथ गाड़ी के एक चालक की लिंचिंग हुई। वहाँ स्थानीय सरपंच थीं। एनसीपी नेता थे। पुलिसकर्मी थे। भीड़ ने उन्हें दो घंटे से ज़्यादा समय तक पकड़ रखा था। फिर अचानक दो घंटे बाद ऐसा क्या हो गया कि भीड़ ने तीनों को मार डाला?

घटना महाराष्ट्र और दादर नगर हवेली की सीमा पर पालघर क्षेत्र के दहानु तालुका में हुई। हाईवे के पास का गडचिंचले गाँव दूर-दराज़ इलाक़े में है। महाराष्ट्र फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट के चेकपोस्ट के बाहर जहाँ घटना हुई वहाँ दिन में भी मुश्किल से ही कभी कुछ लोग इकट्ठे होते हैं। लेकिन 16 अप्रैल की रात क़रीब 8 बजे कुछ मिनटों में ही क़रीब 400 लोगों की भीड़ जुट गई। गाड़ी में आए दोनों साधुओं और उस गाड़ी के चालक को पकड़ लिया गया। सवाल है कि इतनी जल्दी एक साथ इतने लोग कैसे इकट्ठे हो गए, क्या पहले से कुछ तैयारी थी?