मुंबई में मंगलवार को एक पोस्टर दिखाई दिया। पोस्टरों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके नारे "बटेंगे तो कटेंगे" लिखा हुआ है। राज्य में विधानसभा चुनाव घोषित हो चुके हैं। लेकिन सभी राजनीतिक दल अभी तक प्रत्याशियों पर फैसला नहीं कर पाये हैं।288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को होंगे। नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
मुंबई के पश्चिमी उपनगर में पोस्टर लगाने वाले भाजपा सदस्य विश्वबंधु राय ने कहा- "विपक्ष राजनीतिक पैंतरेबाज़ी कर रहा है, और हमने उसका जवाब दिया है। उत्तर भारत के लोग योगी और उनके नारे 'बनेंगे तो काटेंगे' में विश्वास करते हैं, और इसलिए हमने महाराष्ट्र में भी विपक्षी रणनीति का जवाब देना शुरू कर दिया है।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगस्त में राष्ट्रीय एकता की जोरदार वकालत की थी और समाज में विभाजन के परिणामों के प्रति आगाह करने के लिए बांग्लादेश में उथल-पुथल का हवाला दिया था। उसी दौरान उन्होंने बटेंगे तो कटेंगे का नारा दिया था। लेकिन योगी का यह नारा हिन्दुओं को लक्ष्य करते हुए था और वो हिन्दुओं की एकता की बात कह रहे थे।
आरएसएस मैदान में उतरा
हरियाणा में भाजपा की सरकार तीसरी बार बन गई है। वहां सरकार विरोधी लहर थी। लेकिन हरियाणा की जीत का श्रेय आरएसएस को दिया जा रहा है, जिसके कार्यकर्ताओं ने हिन्दू जनमानस के बीच भाजपा सरकार को लेकर उनकी राय बदलने का काम किया। आरएसएस ने इसे संघ टोली का नाम दे रखा है। अब संघ की टोली महाराष्ट्र में उतर पड़ी है। जिसके जरिये हिन्दू जनमानस के वोट को एकजुट करने और मतदान केंद्रों तक ले जाने का काम शुरू हो गया है। गैर भाजपा दलों का आरोप रहा है कि भाजपा आरएसएस के जरिये हर छोटे-बड़े चुनाव में साम्प्रदायिक एजेंडा चलाती है। बाकी का काम पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी अपने घातक भाषणों के जरिये अंजाम देते हैं। महाराष्ट्र में आरएसएस योगी की छोटी-छोटी जनसभाएं कराने की योजना बना चुका है। यही रणनीति हरियाणा में भी अपनाई गई थी, जहां मोदी से ज्यादा योगी की सभाएं हुई थीं।“
आरएसएस के सूत्रों ने पीटीआई को बताया- राज्य भर में टोलियां (टीमें) गठित की गई हैं और उन्होंने संदेश लेकर अपने-अपने इलाकों में लोगों तक पहुंचना शुरू कर दिया है। सूत्र ने कहा, हर टीम 5-10 लोगों के साथ छोटे समूह की बैठकें कर रही है और अपने संबंधित इलाकों में 'मोहल्लों' में अपने स्थानीय नेटवर्क के माध्यम से परिवारों तक भी पहुंच रही है। समझा जाता है कि योगी का पोस्टर उसी का हिस्सा है।
यह व्यापक रूप से माना जाता है कि इस साल लोकसभा चुनाव में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे आरएसएस कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी प्रमुख कारणों में से एक थी। संसदीय चुनावों के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की यह टिप्पणी कि उनकी पार्टी को शुरुआत में आरएसएस के समर्थन की आवश्यकता थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह खुद को चलाने में सक्षम हो गई, को विभिन्न राज्यों में संघ कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करने वाले कारणों में से एक माना जाता है।
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