लॉकडाउन का चौथा चरण ख़त्म होने जा रहा है। कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में महाराष्ट्र भी पहली पंक्ति के उन प्रदेशों में शामिल है जिसने सबसे पहले लॉकडाउन की घोषणा की थी। प्रदेश में कोरोना का संकट दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और देश के एक तिहाई से ज़्यादा संक्रमण और उसकी वजह से होने वाली मौत के आँकड़े महाराष्ट्र से ही हैं। 24 मार्च को महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या 101 थी जो अब 50 हज़ार को पार कर चुकी है। कोरोना को लेकर प्रदेश में राजनीति भी गर्म है।
महाराष्ट्र : कोरोना को लेकर राजनीति, लेकिन क्या है ज़मीनी हक़ीक़त?
- महाराष्ट्र
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- 29 May, 2020

प्रदेश में कोरोना का संकट दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और देश के एक तिहाई से ज़्यादा संक्रमण और उसकी वजह से होने वाली मौत के आँकड़े महाराष्ट्र से ही हैं। तो क्या महाराष्ट्र सरकार कुछ नहीं कर रही है?
भारतीय जनता पार्टी के नेता राज्य सरकार पर इस महामारी से निपटने से विफल रहने का आरोप लगाते हुए आंदोलन कर रहे हैं तथा राष्ट्रपति शासन लगाने तक की माँग कर रहे हैं। जबकि सत्ताधारी दल के नेता कोरोना संकट गंभीर होने के लिए केंद्र सरकार और उसकी रणनीति को ही ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। राज्य सरकार का कहना है कि हमने केंद्र सरकार द्वारा जारी हर दिशा-निर्देशों का पालन किया है, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ़ से हमें एक वेंटिलेटर तक नहीं उपलब्ध कराया गया। यही नहीं, टेस्टिंग और पीपीई किट, मास्क माँग के अनुसार नहीं मिले।