हिट एंड रन को लेकर बनाए जा रहे प्रस्तावित कानून के खिलाफ देश भर में बस और ट्रक के ड्राइवर आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को उनकी हड़ताल का तीसरा दिन था। देश के आठ राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, गुजरात और उत्तराखंड में बड़ी संख्या में ये ड्राइवर हड़ताल पर रहे हैं।
बस और ट्रक ये ड्राइवर भारतीय न्याय संहिता 2023 में प्रस्तावित संशोधन के बाद हिट एंड रन से जुड़े मामलों में दोषी पाये जाने पर ड्राइवरों पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने और 10 वर्ष तक की जेल के प्रावधान का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी आय काफी कम होती है ऐसे में वह 7 लाख का जुर्माना कहां से भरेंगे। जुर्माना न भर पाने या अपने केस की सही तरीके से पैरवी नहीं कर पाने के कारण कम आय वाले ड्राइवर जेल जाएंगे।
कानून में हो रहे इस संशोधन के विरोध में मध्य प्रदेश के कई प्रमुख शहरों में सोमवार को जहां बसे नहीं चली वहीं अन्य राज्यों में ट्रक ड़्राइवरों ने दिन में घंटों ट्रकों को रोक कर आवागमन बाधित किया। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ट्रक ड्राइवरों द्वारा सड़क पर वाहन खड़े कर टायरों में आग लगाने की भी खबरें आई है।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की ओर से हिट एंड रन कानून को कड़ा बनाने के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है। इसके कहने पर देश के इन 8 राज्यों में चक्का जाम और ड्राईवरों की हड़ताल चल रही है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की अगली बैठक अब 10 जनवरी को होगी।
इस बैठक में संगठन फैसला लेगा कि अगर सरकार उसकी मांगों को नहीं मानती है तो आंदोलन की क्या रूपरेखा होगी। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृत मदान ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि इस प्रस्तावित कानून के पीछे सरकार की नीयत ठीक है लेकिन प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में परिवहन क्षेत्र और ट्रक ड्राइवरों का बड़ा योगदान है। देश इस समय वाहन चालकों की कमी से जूंझ रहा है लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। अगर इस प्रस्तावित कानून के जरिये सजा को 10 वर्ष कर दिया गया और जुर्माना 7 लाख रहा तो बड़ी संख्या में ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे।
ट्रक ड्राईवरों की हड़ताल से बढ़ सकती हैं कीमतें
देश के 8 राज्यों में ट्रक ड्राइवरों की चल रही हड़ताल और आंदोलन से परिवहन सेवाओं पर असर पर रहा है। अभी इनकी हड़ताल का बहुत ज्यादा असर नहीं दिख रहा है लेकिन अगर इनका आंदोलन तेज हुआ और ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल बढ़ती है तो आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हो सकता है। ट्रक देश में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई की लाइफलाइन है। परिवहन सेवाओं के इस माध्यम में किसी तरह का बड़ा अवरोध आने से पूरी सप्लाई चेन पर असर पड़ सकता है। इनकी हड़ताल अगर बढ़ती है तो दूध, फल, सब्जी, अनाज से लेकर पेट्रोल-डीजल तक की सप्लाई बाधित हो सकती है।
एक अनुमान के मुताबिक भारत में करीब तीन मिलियन ट्रक हैं जो कि हर वर्ष 100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। देश में 50 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं। अब इन ड्राइवरों के मन में हिट एंड रन के प्रस्तावित कानून को लेकर शंकाएं और डर बैठा हुआ है। इसके कारण वे इसका विरोध कर रहे हैं।
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