नाम विक्रम अहाके। आयु मात्र 31 वर्ष। झूठी प्लेंटे उठाई। कैटरिंग की। तेंदूपत्ता से पत्तलें बनाई। एक वक्त में मकानों की नींव भी खोदी। श्रम साधना नहीं छोड़ी। काम और पढ़ाई साथ-साथ करते रहे। मध्य प्रदेश पुलिस और सीआरपीएफ में चयन भी हुआ। समाज सेवा करना चाहते थे। छिंदवाड़ा के सदाबाहर लीडर कमल नाथ के संपर्क में आये। जिंदगी बदल गई। अब वे नाथ की कर्मभूमि छिंदवाड़ा के प्रथम नागरिक (मेयर) हैं।