नाम विक्रम अहाके। आयु मात्र 31 वर्ष। झूठी प्लेंटे उठाई। कैटरिंग की। तेंदूपत्ता से पत्तलें बनाई। एक वक्त में मकानों की नींव भी खोदी। श्रम साधना नहीं छोड़ी। काम और पढ़ाई साथ-साथ करते रहे। मध्य प्रदेश पुलिस और सीआरपीएफ में चयन भी हुआ। समाज सेवा करना चाहते थे। छिंदवाड़ा के सदाबाहर लीडर कमल नाथ के संपर्क में आये। जिंदगी बदल गई। अब वे नाथ की कर्मभूमि छिंदवाड़ा के प्रथम नागरिक (मेयर) हैं।
कमल नाथ की ‘कृपा’ से ‘कैटर’ से छिंदवाड़ा के मेयर बने अहाके
- मध्य प्रदेश
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- 20 Jul, 2022

छिंदवाड़ा के नए मेयर विक्रम अहाके की कहानी निश्चित रूप से प्रेरणा देने वाली है। जानिए, उनके संघर्ष के बारे में।
मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय के चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ ने अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाले अहाके को छिंदवाड़ा में मेयर का टिकट दिया था। नाथ का फैसला सही साबित हुआ।
लगभग दो दशक (18 साल) के बाद छिंदवाड़ा शहर में नाथ के साथ और विश्वास ने ‘हाथ’ (विक्रम अहाके) को फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया।