मध्य प्रदेश की राजनीति में नया और दिलचस्प मोड़ आ गया है। पूर्व मुख्य मंत्री उमा भारती के भतीजे के ख़िलाफ़ ग़ैर इरादतन हत्या का मामाल दर्ज किया गया है। केंद्र सरकार के दबाव में कई तरह के आरोप झेल रही कमलनाथ सरकार ने यह फ़ैसला उठाया है। इससे राज्य के मुख्य विपक्षी दल बीजेपी पर दबाव बढ़ सकता है।
टीकमगढ़ ज़िले के खरगापुर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राहुल सिंह लोधी के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। राहुल सिंह पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती के सगे भतीजे हैं।
आरोप है कि राहुल सिंह लोधी ने खरगापुर के बलदेवगढ़ मार्ग पर पपावनी गाँव के पास अपनी गाड़ी से एक मोटरसाइकिल को धक्का दे दिया। उस पर तीन युवक सवार थे। तीनों सवार की मौत हो गई।
घटना के बाद जबरदस्त हंगामा हुआ। मारे गये युवकों के परिजनों और ग्रामीणों ने चार घंटे तक शवों को सड़क पर रखकर चक्काजाम किया। प्रदर्शनकारी चाहते थे कि लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने वाले विधायक के ख़िलाफ़ एफ़आईआर की जाये।
मृतकों के परिजनों का आरोप था कि विधायक स्वयं गाड़ी चला रहे थे। उनकी गाड़ी की रफ़्तार बेहद तेज़ थी। मारे गये युवक नवदुर्गा में बोये जाने वाले ज्वारों का विसर्जन कर लौट रहे थे। विधायक के वाहन ने पीछे से बाइक को जबरदस्त टक्कर मारी। मृतकों के नाम बृजेन्द्र अहिरवार (28 वर्ष), रवि अहिरवार (27 वर्ष) और मदन अहिरवार (19 वर्ष) बताये गये हैं।
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उल्टा दावा
विधायक लोधी इस बात से इनकार करते हैं। उनका कहना है कि वह घटनास्थल के क़रीब फुटेर गाँव में एक कार्यक्रम में व्यस्त थे। उन्होंने ड्राइवर विजय यादव को बुलाया था। वाहन लाते समय विजय को रास्ते में कुछ घायल मिले। इसकी सूचना ड्राइवर ने उन्हें और फिर लोधी ने पुलिस को दी। पुलिस को सूचना देकर मदद किये जाने की सराहना करने की बजाय ग्रामीणों की मदद से विरोधियों ने उन्हें साजिश कर फँसा दिया।तमाम तरह के आरोप-प्रत्यारोप आधी रात तक चलते रहे। भारी हंगामा भी चलता रहा। आधी रात के करीब पुलिस ने विधायक के खिलाफ ग़ैर-इरादतन हत्या हत्या की धारा 304ए तथा 279, 337 और 184 में मामला दर्ज किया। विधायक के खिलाफ एफ़आईआर लिखे जाने के बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए। मंगलवार सुबह पुलिस की मौजूदगी में तीनों मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया।
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