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एमपी में आदिवासी महिला को जिंदा जलाया, हालत गंभीर

मध्य प्रदेश में एक आदिवासी महिला को कुछ लोगों ने जिंदा जला दिया। इसका वीडियो भी बनाया गया और इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। 

आदिवासी महिला गुना जिले की रहने वाली है और वह गंभीर हालत में जिंदगी से जंग लड़ रही है। महिला का नाम रामप्यारी सहरिया है। महिला के पति की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

वारदात को अंजाम देने वालों ने महिला की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया था। महिला को यह जमीन मध्य प्रदेश सरकार की ओर से एक योजना के तहत मिली थी।

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गुना जिले के पुलिस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि महिला के पति अर्जुन सहरिया ने उसे खेत में जली हुई हालत में पाया। महिला ने अपने पति को बताया कि 3 लोगों ने उसे आग के हवाले कर दिया। इनके बीच 6 बीघा जमीन पर जुताई के लिए विवाद हुआ था।

इस जमीन पर हमलावरों ने कब्जा कर लिया था लेकिन स्थानीय राजस्व विभाग ने उनके कब्जे से जमीन को छुड़ा लिया था और इसे रामप्यारी सहरिया के परिवार को दे दिया था। 

महिला के पति ने पुलिस को बताया कि जब वह खेत में जा रहा था तो उसने प्रताप, हनुमंत और श्याम किरार और उनके परिवार के लोगों को एक ट्रैक्टर में जाते हुए देखा। इसके बाद वह अपने खेत में पहुंचा तो वहां उसकी पत्नी जली हुई हालत में मिली। 

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महिला के पति के मुताबिक, उसने पहले इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।

कांग्रेस ने की आलोचना

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने इस मामले में ट्वीट कर बीजेपी की मध्य प्रदेश सरकार की आलोचना की है। जयराम रमेश ने कहा कि एक पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया है और उसके राज्य में आदिवासी महिला के साथ इस तरह का अत्याचार हो रहा है। 

मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार के मामले पहले भी कई बार सामने आते रहे हैं। मध्य प्रदेश की 230 में से 47 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित हैं और यहां 17 फीसद आदिवासी मतदाता हैं। इस तरह राज्य में आदिवासी एक बड़ी राजनीतिक ताकत हैं लेकिन बावजूद इसके उन पर होने वाले अत्याचारों का सिलसिला थमा नहीं है।  

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क़मर वहीद नक़वी
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