गुना में दलित किसान की बर्बरतापूर्वक पिटाई और किसान दंपत्ति के जहर पीने के मामले में राजनीति अब पूरे उफान पर है। मध्य प्रदेश सरकार ने आईजी, कलेक्टर और एसपी को हटाये जाने के बाद गुरूवार को उन छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया जिन्होंने किसान और उसके परिजनों को जमकर पीटा था।
गुना से हटाये गये एसपी तरूण नायक ने कार्यमुक्त होने से पहले गुरूवार को इस मामले में शामिल रहे एक उप निरीक्षक और पांच आरक्षकों को निलंबित कर दिया। सस्पेंड किये गये कुल पांच आरक्षकों में दो महिला आरक्षक भी शामिल हैं।
बता दें, मंगलवार को गुना के पीजी काॅलेज से लगी सरकारी ज़मीन से नगर पालिका का अतिक्रमण विरोधी अमला कब्जा हटाने पहुंचा था। दलित किसान राजकुमार अहिरवार और उसके परिवार ने दावा किया था कि वे लोग इस ज़मीन पर दादा के वक्त से खेती कर रहे हैं। उसे भी खेती करते बरसों हो चुके हैं। एक दर्जन लोगों का परिवार खेती पर ही निर्भर है।
राजकुमार और उसके परिवारजनों ने अतिक्रमण विरोधी दस्ते और अफसरों से यह भी कहा था कि उन्होंने चार लाख रुपये का कर्ज लेकर फसल बोई है और अंकुरित फसल को ना उजाड़ा जाये। फसल पकने और कटने के बाद कार्रवाई की जाये। मगर अमला नहीं माना था।
पुलिस ने राजकुमार और उसके परिजनों की बेरहमी से पिटाई की थी। राजकुमार के बच्चे बिलख रहे थे। दुःखी होकर राजकुमार और उसकी पत्नी ने कीटनाशक गटक लिया था।
सिंधिया ने की शिवराज से बात
कीटनाशक पीने और पिटाई मामले का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया था और राजनीति भी शुरू हो गई थी। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी के नये नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से बातचीत की थी और इसके लिए जिम्मेदार बड़े अधिकारियों को तत्काल हटाने और बर्बर तरीके से किसान को पीटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का अनुरोध किया था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बुधवार देर रात को रेंज के आईजी, कलेक्टर और एसपी को हटा दिया था। गुरूवार को भी सरकार एक्शन में रही। किसान और उसके परिवार वालों से मारपीट करने में शामिल पुलिस वालों को निलंबित करने के आदेश जारी हो गये।
किसान और उसकी पत्नी द्वारा कीटनाशक पीने और पिटाई मामले की मजिस्ट्रियल जांच का ऑर्डर भी गुरूवार को हो गया। इधर, भोपाल से भी आला अफसरों की टीम गुना पहुंच गई। टीम ने अपने स्तर पर जांच आरंभ कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को यह टीम अपनी रिपोर्ट देगी।
राहुल, मायावती उतरे मैदान में
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बीएसपी सुप्रीमो मायावती भी गुरूवार को ‘मैदान’ में उतर आये। दोनों ने ट्वीट करके गुना की घटना की तीखी निंदा करते हुए शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया। राहुल गांधी ने कहा, ‘इसी सोच और अन्याय के खिलाफ है, कांग्रेस की लड़ाई।’ उधर, मायावती ने दलित किसान के साथ बर्बरता को बीजेपी की सरकार का चरित्र करार दिया। मायावती ने कहा, ‘कांग्रेस और बीजेपी एक हैं। दोनों केवल दलित के नाम पर राजनीति करते हैं। दलितों को इस बारे में सोचना होगा।’
कांग्रेस का जांच दल गुना पहुंचा
गुना के घटनाक्रम पर शिवराज सरकार को जमकर आड़े हाथों लेने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमल नाथ ने पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ विधायक बाला बच्चन की अगुवाई में एक जांच दल का गठन किया है। यह जांच दल गुरूवार को गुना पहुंच गया। दल ने जांच के साथ ही किसान और उसके परिवार से बातचीत की। कांग्रेस की प्रदेश महासचिव और दल की सदस्य विभा पटेल ने डेढ़ लाख रुपये की नकद राशि किसान परिवार को भेंट की।
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