राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आर.एस.एस.) के भोपाल स्थित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ कार्यालय पर सुरक्षा बहाल कर दी गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसके आदेश दे दिए हैं। बता दें कि सोमवार रात को अचानक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटा ली गई थी। इसके बाद राजनीति गरमा गई थी। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार के इस फ़ैसले को गलत बताया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सरकार के इस फ़ैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।
2009 से मिली थी सुरक्षा
समिधा कार्यालय में सशस्त्र सुरक्षा बल को 2009 में तैनात किया गया था। संघ कार्यालय पर कांग्रेस के एक प्रदर्शन के दौरान हलके उपद्रव के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार में एसएएफ़ के चार गार्ड की स्थायी तैनाती की गई थी। कार्यालय के ठीक बाहर एक टेंट में एसएएफ टुकड़ी को तैनात किया गया था। चौबीस घंटे और सातों दिन यह बल यहाँ तैनात रहता था। संयोगवश एसएसएफ़ को तैनात किये जाने के बाद दोबारा किसी तरह का उपद्रव कार्यालय के समक्ष नहीं हुआ।
सुदर्शन का आशियाना रहा है समिधा
सरसंघचालक के.एस.सुदर्शन ने 2009 में पद से निवृत्त होने के बाद संघ के इसी मुख्यालय समिधा को अपना आशियाना बनाया था। इसी दौरान कार्यालय का पुनर्निर्माण भी कराया गया था। सुदर्शन को शिवराज सरकार ने विशेष सुरक्षा भी मुहैया कराई थी। इसी दरमियान समिधा कार्यालय में एस.ए.एफ. की स्थायी तौर पर तैनाती का क़दम भी शिवराज सरकार ने उठाया था। सुदर्शन का 2012 में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद भी समिधा से सुरक्षा व्यवस्था नहीं हटाई गई थी।
दिग्विजय ने किया था विरोध
सुरक्षा व्यवस्था हटाये जाने के बाद उपजे तमाम राजनीतिक बवाल के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने मंगलवार सुबह एक ट्वीट किया था। ट्वीट में सिंह ने कहा था, ‘भोपाल स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है, मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ जी से अनुरोध करता हूँ कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें।’
सुरक्षा हटाये जाने के सवाल पर आरएसएस के प्रचार प्रमुख नरेंद्र जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘हमने न तो सुरक्षा माँगी थी और न ही हमें इसे वापस लेने की कोई जानकारी है।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘हमें सुरक्षा हटाने पर कोई आपत्ति भी नहीं है।’
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