…तो क्या मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायक फिर ‘बिक गए’?, राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के बाद राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों के साथ राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों के मन में भी इस ‘सवाल’ की गूंज हो रही है। प्रदेश में कांग्रेस विधायकों द्वारा बड़ी संख्या में क्रॉस वोटिंग के घटनाक्रम से मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और कांग्रेस संगठन की कार्यशैली भी पुनः सवालों के दायरे में आ खड़ी हुई है।
राष्ट्रपति चुनाव: एमपी में कांग्रेस के विधायक फिर ‘बिक गए’?
- मध्य प्रदेश
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- 22 Jul, 2022

क्रॉस वोटिंग और भाजपा द्वारा कांग्रेस विधायकों को खरीदने के प्रयासों का आरोप लगाने के बाद भी कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट क्यों नहीं रख पायी?
दरअसल, राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार रहे यशवंत सिन्हा को मध्य प्रदेश से 79 कांग्रेस के विधायकों के वोट ही मिल पाये हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायकों की कुल संख्या 96 है। कांग्रेस अब यह ‘पता’ लगाने में जुट गई है कि पार्टी से ‘दगा’ करने वाले 17 विधायक आखिर कौन हैं?
बता दें, राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही पार्टी विधायकों पर बीजेपी द्वारा डोरे डालने के आरोप कांग्रेस लगाने लगी थी। चुनाव के अंतिम दौर में तो कमल नाथ ने मीडिया में स्पष्ट बयान दिया था, ‘कांग्रेस विधायकों को क्रॉस वोटिंग के लिए सत्तारूढ़ दल भाजपा जमकर प्रलोभन दे रही है। मोटी रकम का प्रस्ताव एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को वोट करने के लिए दिया जा रहा है।’