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एमपी: गैंगरेप की रिपोर्ट नहीं लिखी, पीड़ित परिवार को ही बंद किया, दलित महिला ने की आत्महत्या

उत्तर प्रदेश में दलित और कमज़ोर वर्ग की किशोरियों के साथ गैंग रेप और जघन्य हत्याओं की सिलसिलेवार घटनाओं की देशव्यापी गूंज के बीच मध्य प्रदेश में भी सामूहिक दुष्कर्म की शिकार एक दलित महिला द्वारा फाँसी लगाकर जान देने का मामला सामने आया है। आरोप है कि रेप की रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही थी, उल्टे उसके परिजनों को ही पुलिस परेशान कर रही थी। पुलिस के कथित ग़ैर ज़िम्मेदाराना रवैये से क्षुब्ध महिला ने फाँसी लगाकर जान दे दी।

मामला नरसिंहपुर ज़िले का है। इस ज़िले के गाडरवारा ब्लाॅक के चीचली थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग की एक महिला का शव शुक्रवार सुबह फाँसी के फंदे से लटका मिला। मृतका के पति का आरोप है कि उसकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। गाँव से लगी थाना चौकी के अलावा अनेक जगहों पर शिकायतें की गईं।

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मृतका के पति ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसकी पत्नी 28 सितंबर को खेत में चारा काटने गई थी, जहाँ पर अनिल, गुड्डा और परसू नाम के तीन लोगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। घर आने पर पत्नी ने घटना के बारे में परिजनों को बताया। सभी रात को ही गोटिटोरिया पुलिस चौकी पहुँचे, जहाँ उनसे आवेदन लेकर सुबह मेडिकल कराने की बात कही गई।

आरोप है कि जब दूसरे दिन 29 सितंबर को वे पुलिस चौकी पहुँचे तो उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इसके बाद 30 सितंबर को वे चीचली थाना पहुँचे जहाँ उनकी फरियाद सुनने के बजाय पुलिसकर्मियों ने महिला के पति और जेठ को ही लाॅकअप में बंद कर दिया। पीड़िता के साथ गाली-गलौज की गई। आरोप है कि महिला के परिजनों को छोड़ने के एवज में पुलिस ने रुपए भी लिए। हालाँकि पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है। इस पूरे घटनाक्रम से व्यथित महिला ने आत्महत्या कर ली।

आत्महत्या के बाद हरकत में आए पुलिस अफ़सर

महिला की मौत के बाद पीड़ितों से मिलने ज़िले के आला अधिकारी उनके गाँव पहुँचे। आनन-फानन में चीचली थाने के एक सहायक उप निरीक्षक एम.एल.कुड़ापे को अधिकारियों ने निलंबित कर दिया, जबकि दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गाँव पहुँचे पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए गाडरवारा अस्पताल भिजवाया और वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया गया।

गाडरवारा अनुभाग के एसडीओपी सीताराम यादव ने मीडिया से कहा,

‘महिला की आत्महत्या पर उसके परिजनों का आरोप है कि उसके साथ तीन लोगों ने दुष्कर्म किया था, जिसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई थी। मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है। जाँच जारी है, पीड़ितों के बयान लिए जा रहे हैं। जो दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।'

उधर ज़िले के एडिशनल एसपी राजेश तिवारी ने पत्रकारों से कहा, ‘वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार चीचली थाने में रिपोर्ट न लिखने के आरोप में एक एएसआई को निलंबित किया है। गैंग रेप  के दो आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं, तीसरे को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।

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मध्य प्रदेश में भी राजनीति गर्माने के आसार

मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनावों की सरगर्मियाँ तेज़ हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं के बड़े पैरोकार के तौर पर ख्यात हैं। हाल ही में पत्नी की पिटाई के एक मामले को लेकर सरकार ने मध्य प्रदेश के एक स्पेशल डीजी को संस्पेंड किया है।

यूपी के गैंग रेप और नृशंस हत्याओं की वारदातों को लेकर देश भर में आंदोलन-प्रदर्शन चल रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफ़ा मांगा जा रहा है। प्रधानमंत्री को सलाह दी गई है कि योगी ख़ुद होकर इस्तीफ़ा नहीं देते हैं तो बीजेपी आलाकमान उन्हें सीएम पद से हटा दे।

हाथरस घटनाक्रम को लेकर शुक्रवार देर शाम यूपी सरकार ने हाथरस के कलेक्टर-एसपी को हटाया है। ऐसा माना जा रहा है कि यूपी के बाद मध्य प्रदेश में हुए रेप और इसके बाद पीड़िता द्वारा कथित तौर पर रिपोर्ट ना लिखे जाने से दुःखी होकर सुसाइड का यह मामला जल्दी शांत नहीं होगा।

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संजीव श्रीवास्तव
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