लोकसभा चुनाव के ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी के ‘आपरेशन लोटस’ के अंतर्गत बीजेपी की मध्यप्रदेश इकाई ने कांग्रेस को जोरदार झटका दिया। बीजेपी ने कांग्रेस के चेहरों को अपने साथ मिलाकर ‘दोहरी चोट’ दी। गांधी परिवार के करीबी सुरेश पचौरी को तोड़ने के अलावा भाजपा जिन कांग्रेसियों को अपने साथ कर लिया, उसमें दो पूर्व विधायक ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति 286 करोड़ रुपयों से ज्यादा की है।
भाजपा ने सुरेश पचौरी के अलावा धार के पूर्व सांसद गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी, इंदौर जिले के दो पूर्व विधायक संजय शुक्ला एवं विशाल पटेल और होशंगाबाद के पूर्व विधायक अर्जुन पलिया को अपने साथ मिला लिया। शनिवार को इन प्रमुख चेहरों के साथ कई अन्य कांग्रेसी भी भाजपा में शामिल हुए। सभी को सुरेश पचौरी के निकटवर्तियों में शुमार किया जाता है।
संजय शुक्ला और विशाल पटेल को कमलनाथ की अगुवाई वाली पीसीसी ने 2018 में टिकट दिया था। दोनों जीत गए थे। महापौर का टिकट भी संजय को मिला था।
ताजा ख़बरें
140 करोड़ की रिकवरी बचाना लक्ष्य…!
संजय शुक्ला 216 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। विधानसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्ति का यही ब्यौरा दिया था (216 करोड़ के आसामी हैं)। विशाल पटेल ने 70 करोड़ रूपये की संपत्ति होने की बात हलफनामे में बताई थी।विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के सामने संजय को टिकिट दिया गया था। ऐसा माना गया था कि वे कड़ी टक्कर देंगे। प्रचार के दौरान ऐसा लगा भी था। लेकिन नतीजों में विजयवर्गीय की जीत एक तरफा रही थी। विधानसभा चुनाव के बाद संजय शुक्ला को खनन से जुड़े पुराने में मामले में जिला प्रशासन ने नोटिस देते हुए 140 करोड़ रुपये की रिकवरी निकाल दी थी। इस नोटिस को भी संजय के दलबदल से जोड़ा जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी को जो रणनीति है, उसमें साम-नाम, दंड-भेद के साथ कांग्रेस अथवा विरोधियों की कमर हर तरह से तोड़ देना शामिल है। संजय शुक्ला और विशाल पटेल कांग्रेस खेमे के ऐसे नेताओं में शुमार रहते थे, जिन्हें समय-समय पर कांग्रेस पार्टी अपने कार्यक्रमों अथवा अन्य आयोजनों को लेकर ‘आर्थिक जिम्मेदारी’ दे दिया करती थी। दोनों नेताओं का कांग्रेस छोड़कर चले जाना, आर्थिक चोट भी माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश से और खबरें
संजय का परिवार पुराना भाजपाई
संजय शुक्ला के पिता विष्णु प्रसाद शुक्ला ‘बड़े भैया’ इंदौर में भाजपा के संस्थापकों में शुमार रहे। कैलाश विजयवर्गीय के वे गुरू रहे। संजय शुक्ला के भाई भाजपा के टिकिट पर विधायक है। एक भाई को 2003 के विधानसभा चुनाव में उमा भारती ने टिकट दिया था, लेकिन लहर के बावजूद वे जीत नहीं पाये थे।संजय शुक्ला ने भाजपा ज्वाइन करने के दौरान कहा, ‘मैं अपने घर आ गया हूं।’
अपनी राय बतायें