मध्य प्रदेश के सतना जिले से गायों की दुर्दशा की बेहद खौफनाक तस्वीर सामने आयी है। मोहन सरकार में राज्यमंत्री प्रतिमा बागड़ी के विधानसभा क्षेत्र में कुछ ग्रामीणों ने दर्जन भर के करीब गायों को उफनती नदी में धकेल दिया। घटना का वीडियो वायरल हुआ है। मामला सामने आते ही राज्य सरकार ने पूरे मामले की जांच और आरोपियों के धरपकड़ के निर्देश दिये। घटना के बाद हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस ने चार लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है।
सतना जिले की रैगांव विधानसभा क्षेत्र में टमस नदी में गायों को धकेले जाने का वीडियो वायरल हुआ है। घटना विधानसभा क्षेत्र के बमहौर इलाके की है। उफनती नदी में रेलवे पुल के ठीक नीचे एक पाट (किनारे) पर कुछ लोग गायों को हांककर जबरिया नदी में उतारते नजर आये। जबकि दूसरे किनारे पर खड़े लोग पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाते रहे।
दूसरे छोर पर खड़े लोगों ने वीडियो को वायरल किया तो हड़कंप मच गया। वायरल वीडियो में एक के बाद एक गाय और झुंडों में भी गायें उफनती नदी में बहती नजर आ रही हैं, छटपटा रही हैं। बचने की कोशिश करती नज़र आ रही हैं। नदी पर बने स्टॉप डेम में पहुंचते ही गायों की छटपटाहट बढ़ती दिखती है। गायें तड़पती और डूबती हुई दिखती हैं।
दूसरे किनारे पर खड़े लोगों में कुछ लोग बात कर रहे हैं, लेकिन उफनती नदी में उतरने और गायों को बचाने की हिम्मत कोई भी नहीं कर पा रहा है। अभी यह साफ नहीं हुआ है कि कुछ गायें बची हैं अथवा सभी बह गईं और मारी गई हैं।
हंगामा मचने के बाद पुलिस हरकत में आयी
आरोप है कि घटना मंगलवार की है। हंगामा मचा तब पुलिस हरकत में आयी। बुधवार दोपहर को पुलिस ने मीडिया को बताया कि नागौद और सिविल लाइन थाना क्षेत्र के सीमाई इलाक़े के ग्राम बमहौर में मंगलवार को गायों को पीट-पीटकर उफनाई नदी में धकेलने और तड़पने-मरने के लिए मजबूर करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। इनमें से एक नाबालिग है जबकि तीन अन्य आरोपियों में बेटा बागरी, रवि बागरी और रामपाल चौधरी निवासी हरदुआ मझोल थाना नागौद शामिल हैं।
पुलिस ने यह भी बताया कि चारों आरोपियों के खिलाफ 4/9 गोवंश प्रतिषेध अधिनियम तथा बीएनस की धारा 325 (3/5) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों को बुधवार की सुबह गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि उफनाई नदी में आरोपियों ने लगभग 15 गायें खदेड़ी थीं, उनमें से कुछ की मौत भी हुई है जबकि कुछ बच गई हैं।
कितनी गायों की मौत हुई, पुलिस पूरी तरह से खुलासा नहीं कर सकी है। उसका कहना है कि पानी का बहाव तेज था और गायें बह कर दूर तक भी चली गई हो सकती हैं।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे आवारा मवेशियों द्वारा फसलों को क्षति पहुंचाने से परेशान थे इसलिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया।
मध्य प्रदेश में गायों की दुर्दशा नई बात नहीं
राज्य में गायों की दुर्दशा अथवा उनके खिलाफ क्रूरता का व्यवहार नई बात नहीं है। ऐसी घटनाएं और तस्वीरें बार-बार सामने आ रही हैं। भोपाल में बीते तीन दिनों से नगर निगम के वाहन में गायों की कथित तौर पर तस्करी का मामला गर्माया हुआ है। बजरंग दल ने तीन दिन पहले भोपाल में नगर निगम के वाहनों में गोवंश की तस्करी का आरोप लगाकर सनसनी फैला रखी है।
जिले में आधी रात को निगम वाहन में ले जाये जाते वाहनों की धरपकड़ से जुड़ा वीडियो भी वायरल हुआ है। बजरंग दल के नेता आरोप लगा रहे हैं कि कुछ तत्व निगम के साथ मिलकर गायों की तस्करी का गोरखधंधा कर रहे हैं। मसला बेहद गर्म है।
मध्य प्रदेश में मोहन यादव की अगुवाई में भाजपा की सरकार है। भोपाल नगर निगम में भाजपा का कब्जा है। महापौर से लेकर पूरी परिषद भाजपा की है। आरोपों की जांच निगम करवा रहा है।
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