मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्राज्ञी सिंह ठाकुर को अश्लील वीडियो भेजकर ब्लैकमेल करने का प्रयास करने वाले दो आरोपियों को पकड़ लिया गया है। दोनों सगे भाई हैं और राजस्थान के रहने वाले हैं। मध्य प्रदेश पुलिस दोनों भाइयों को ट्रांजिड रिमांड पर भोपाल लेकर आ रही है।
मध्य प्रदेश पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राजस्थान के भरतपुर ज़िले के सीकरी से रवीन (23 वर्ष) और वारिस (21 वर्ष) नामक युवकों को पकड़ा गया है। इन दोनों ने महिला मित्र की मदद से भोपाल सांसद को अपने जाल में फंसाने का प्रयास किया था। बता दें कि प्रज्ञा सिंह को बीती छह फरवरी को वाट्सऐप वीडियो कॉल आया था। कॉल युवती का होने की वजह से प्रज्ञा सिंह ने रिसीव कर लिया था।
अभिवादन के बाद बात आगे बढ़ती इसके पहले वीडियो कॉल करने वाली युवती ने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए थे। प्रज्ञा सिंह कुछ समझ पातीं, इसके पहले युवती अपने ज़्यादातर कपड़े उतार चुकी थी। प्रज्ञा सिंह ने फोन काट दिया था।
शाम क़रीब सात बजे पूरा घटनाक्रम हुआ था। घटना के बाद प्रज्ञा सिंह अपने काम में लग गई थीं। बाद में उनके पास मैसेज आया था। मैसेज में कपड़े उतारती युवती का वीडियो भेजा गया था। मैसेज में पैसों की मांग करते हुए कहा गया था, ‘मांग पूरी नहीं की गई तो वीडियो को वायरल कर दिया जाएगा।
इस पूरे मामले की रिपोर्ट भोपाल के टीटी नगर थाने में की गई थी। भोपाल पुलिस ने साइबर क्राइम की धाराओं में प्रकरण दर्ज करते हुए पड़ताल आरंभ कर दी थी।
जांच-पड़ताल में फोन कॉल और संदेश भेजने वालों की लोकेशन राजस्थान की मिली थी। फोन नंबरों को ट्रेस कर पड़ताल आगे बढ़ाने पर स्पष्ट लोकेशन राजस्थान के भरतपुर जिले की सीकरी की निकली थी।
मध्य प्रदेश पुलिस की सूचना पर राजस्थान पुलिस ने सोमवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
राजस्थान पुलिस द्वारा आरोपियों को पकड़ लिए जाने की सूचना के बाद भोपाल पुलिस की टीम भरतपुर पहुँच गई है। वहाँ से दोनों आरोपियों को भोपाल लाया जा रहा है। भोपाल लाकर दोनों से आगे की पूछताछ और अन्य आरोपियों की तलाश की जायेगी।
झारखंड में सक्रिय हैं ऐसे गिरोह
बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह को फांसने का प्रयास करने के तरीक़े से ठगी करने वाले कई गिरोह झारखंड में सक्रिय हैं। पूर्व में इसी तरह के तरीके से लोगों को फंसाने और ब्लैकमेल करने के प्रयास में झारखंड से आरोपियों को पकड़ा भी गया है।
मध्य प्रदेश पुलिस ने आरंभ में अपनी जांच को झारखंड पर फोकस किया था। बाद में भोपाल सांसद को आये फोन कॉल और संदेश राजस्थान से किये जाने की शुरुआती सूचना मिलने के बाद पुलिस ने राजस्थान ऐंगल को खंगाला। बारीकी से पड़ताल की तो आरोपी धर लिए गए।
अपनी राय बतायें