मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल के एक कार्यक्रम में स्वागत के तौर-तरीक़ों पर विवाद हो गया। राज्यपाल को बीजेपी के लोगों ने ‘कमलछाप’ गमछा गले में डालकर स्वागत किया। विरोधी इसी पर आपत्ति जता रहे हैं। सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिवीर टंट्या भील के बलिदान दिवस पर इंदौर के महू में हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि की हैसियत से पहुँचे पटेल का स्वागत ऐसे हुआ - मानो वे मध्य प्रदेश के गवर्नर नहीं, बल्कि बीजेपी के नेता हों!
मंगूभाई पटेल भूल गए कि वह मध्य प्रदेश के गवर्नर हैं, भाजपा नेता नहीं?
- मध्य प्रदेश
- |
- |
- 30 Dec, 2021

मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल के महू हैलीपैड पर स्वागत का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें ‘कमलछाप’ गमछा गले में डाल कर स्वागत किया जा रहा है। जानिए, आख़िर क्यों इस पर आपत्ति की गई।
मध्य प्रदेश में जन्मे जनजातीय समाज के क्रांतिकारी टंट्या भील को चार दिसंबर 1889 को जबलपुर जेल में फांसी दी गई थी। ऐसा माना जाता है फाँसी के बाद अंग्रेजों ने टंट्या भील का शव इंदौर के पास पातालपानी में फेंक दिया था। इसी वजह से पातालपानी में टंट्या भील का स्मारक बना।